2 घंटे रूकी दिल की धड़कन, फिर भी जिंदा है मरीज, बीएचयू में हुआ इलाज

2 घंटे रूकी दिल की धड़कन, फिर भी जिंदा है मरीज, बीएचयू में हुआ इलाज
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22 साल के इस युवक के पूरे शरीर में सूजन थी।

वाराणसी. इंसान की धड़कन अगर बंद हो जाए तो उसकी मौत हो जाती है, लेकिन बीएचयू के डॉक्टरों ने मरीज की जान बचाने के लिए जानबूझकर उसके दिल की धड़कन दो घंटे तक रोक दी और वह मरीज की जान बचाने में सफल रहे। दरअसल, बीएचयू में भर्तीं एक युवक को ट्यूबरकुलर कन्सट्रक्टिव पेरिकार्डाइटिस और आस्टियम सेकोन्डम एएसडी बीमारियां थीं।

एक समाचार पत्र की खबर के मुताबिक, इस जटिल बीमारी के इलाज के लिए डॉक्टरों ने आठ घंटे तक ऑप्रेशन किया। इस ऑप्रेशन में टोटल सर्कुलेटरी अरेस्ट नामक एक विशेष तकनीक का प्रयोग किया कर पूरे शरीर के तापमान को 20 डिग्री सेल्सियस तक ठंडा किया गया, जो शरीर के सामान्य तापमान से 17 डिग्री सेल्सियस कम है। इस दौरान पूरे शरीर में खून का प्रवाह बंद करने के साथ हृदय, दिमाग और अन्य महत्वपूर्ण अंगों को विशेष तकनीक की सहायता से सुरक्षित रखा गया।
22 साल के इस युवक के पूरे शरीर में सूजन थी। जरा सी मेहनत करने पर उसकी सांस फूलने लगती। इसके दिल को घेरने वाली भित्तीयां, जिसे पेरिकार्डियम कहते हैं वह मोटी हो गई थी और जन्म से ही उसके हृदय के उपरी भाग में एक छेद था जिसे एएसडी कहते हैं। दिल में कई बीमारियों के लिए हुए इस ऑपरेशन में लो फ्लो कार्डियोपल्मनरी बाईपास और टोटल सर्कुलेटरी का प्रयोग पहली बार किया गया है। इस ऑप्रेशन का आंशिक खर्च मुख्यमंत्री सहायता कोश से दिया गया था।
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