माल्या बिल्कुल डिफाल्टर घोषित

माल्या बिल्कुल डिफाल्टर घोषित
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एसबीआई ने माल्या की दो कंपनियों को घोषित किया ''इरादतन चूककर्ता''

मुंबई. लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने उद्योगपति विजय माल्या को जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला यानी 'इरादतन चूककर्ता' घोषित किया है। माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस बैंक का करीब 7,000 करोड़ रुपए का कर्ज नहीं चुका पाई है। यह विमानन कंपनी लंबे समय से ठप है।

सूत्रों ने कहा, 'एसबीआई ने माल्या,किंगफिशर एयरलाइंस और उसकी होल्डिंग कंपनी यूनाइटेड ब्रेवरीज को जानबूझकर चूककर्ता घोषित किया है।' बंबई उच्च न्यायालय ने इस साल अगस्त में माल्या को अपने कानूनी वकीलों के जरिए प्रतिनिधित्व की अनुमति दी थी।
उसके बाद एसबीआई ने उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी थी। इसमें कहा गया है कि उच्च न्यायालय का आदेश शिकायत निपटान समिति पर रिर्जव बैंक के नियमों का उल्लंघन है।

1600 करोड़ की वसूली बाकी
शराब कारोबारी माल्या ने एसबीआई की अगुवाई में 17 बैंकों के गठजोड़ से 2010 के शुरू में 6,900 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था। इससे पहले ऋणदाता इस एयरलाइन पर बकाये का दो बार पुनगर्ठन कर चुके थे। एसबीआई ने एयरलाइंस से 1,600 करोड़ रुपए की वसूली करनी है।
एयरलाइंस की संपत्तियों की ई-नीलामी
बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि माल्या इसे शीर्ष अदालत में पुनरीक्षा याचिका के जरिए चुनौती दे सकते हैं। इस बीच, ऐसे घटनाक्रम के बीच एयरलाइंस को ऋण देने वाले 17 बैंकों ने कहा है कि वे ठप एयरलाइंस की परिसंपत्तियों की ई-नीलामी करेंगे। जिससे 7,000 करोड़ रुपए के कर्ज व मूल पर ब्याज के कुछ हिस्से की वसूली हो सके। जनवरी, 2013 से कंपनी ने बैंकों के ऋण की अदायगी नहीं की है।
शेयरों की बिक्री से वसूले 1100 करोड़
इसमें से बैंक यूबी समूह की कंपनियों के गिरवी शेयरों की बिक्री कर सिर्फ 1,100 करोड़ रुपए की ही वसूली वसूल पाए हैं। जिन अन्य बैंकों ने एयरलाइंस को ऋण दिया है उनमें पंजाब नेशनल बैंक और आईडीबीआई बैंक (800-800 करोड़ रुपए), बैंक आफ इंडिया (650 करोड़ रुपए), बैंक आफ बड़ौदा (550 करोड़ रुपए) तथा सेंट्रल बैंक आफ इंडिया 410 करोड़ रुपए।
बिल्कुल डिफाल्टर घोषित
उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा था और एसबीआई से कहा था कि वे इसे एक अपवाद मानते हुए माल्या को समिति के समक्ष अपने वकीलों के जरिए बात रखने का मौका दें। माल्या के वकील इस डिफाल्ट के बारे में माल्या का पक्ष संतोषजनक तरीके से नहीं रख पाए। इसके बाद एसबीआई ने उन्हें बिल्फुल डिफाल्टर घोषित कर दिया है।
खास बातें
-विमानन कंपनी लंबे समय से ठप हैं
-जनवरी 2013 से कंपनी ने बैंकों के ऋण की अदायगी नहीं की
-17 बैंकों के गठजोड़ से 2010 में 6900 करोड़ का ऋण लिया
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