Logo
election banner
बादाम एक मेवा है, मेवा यानी सूखा फल। बादाम को अंग्रेजी में ऑल्मंड, संस्कृत में वाताद या वातवैरी, हिंदी, मराठी, गुजराती और बांग्ला में बादाम और फारसी में बदाम शोरी कहते हैं। बादाम का पेड़ 4 से 12 मीटर तक ऊंचा होता है। इसके तने का व्यास 12 इंच से 16 इंच तक हो सकता है। बादाम के पेड़ में गुलाबी और सफेद रंग के फूल लगते हैं, फिर इन्हीं फूलों में फल बनता है।

Almond tree: बादाम एक मेवा है, मेवा यानी सूखा फल। बादाम को अंग्रेजी में ऑल्मंड, संस्कृत में वाताद या वातवैरी, हिंदी, मराठी, गुजराती और बांग्ला में बादाम और फारसी में बदाम शोरी कहते हैं। बादाम का पेड़ 4 से 12 मीटर तक ऊंचा होता है। इसके तने का व्यास 12 इंच से 16 इंच तक हो सकता है। बादाम के पेड़ में गुलाबी और सफेद रंग के फूल लगते हैं, फिर इन्हीं फूलों में फल बनता है।

अमेरिका में सर्वाधिक उत्पादन
वैसे बादाम की उत्पत्ति एशिया और विशेषकर चीन के पश्चिमी भागों में हुई थी। लेकिन अब बड़े पैमाने पर बादाम के पेड़ ईरान, इराक, सउदी अरब आदि में भी पाए जाते हैं। जहां तक बादाम उत्पादन की बात है, तो अमेरिका इसमें पहले स्थान पर है। साल 2021 में अमेरिका ने 20 लाख टन बादाम का उत्पादन किया था। दुनिया में बादाम की कुल आपूर्ति का 80 प्रतिशत अमेरिका के कैलिफोर्निया से होती है। अमेरिका में पैदा होने वाले बादाम का 99 प्रतिशत हिस्सा कैलिफोर्निया में पैदा होता है।
 
भारत में बादाम की खेती
जहां तक भारत में बादाम उत्पादन की बात है तो यह सबसे ज्यादा जम्मू-कश्मीर में पैदा होता है। भारत में पैदा होने वाले कुल बादाम का 85 फीसदी हिस्सा जम्मू-कश्मीर से ही आता है। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, गांदरबल और बारामूला जिले बादाम के प्रमुख उत्पादक हैं। भारत में शेष पैदा होने वाले बादाम में से करीब 8 फीसदी हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में पैदा होता है, बाकी बचा आंध्र प्रदेश की पहाड़ियों, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल सहित कई दूसरे क्षेत्रों में भी पैदा होता है। 

बढ़ रही बादाम की मांग
आयुर्वेद में बादाम को बुद्धि और नसों के लिए गुणकारी बताया गया है। जैसे-जैसे दुनिया भर में लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सजगता आ रही है, बादाम की मांग बढ़ती जा रही है। अपने देश में दूध और शरबत से लेकर बादाम, अनगिनत मिठाइयों और व्यंजनों में इस्तेमाल होता है। इसलिए भारतीय उपभोक्ता बाजार में बादाम की बहुत मांग है। 

कमाई का बेहतरीन विकल्प
अमूमन बादाम 600 रुपए प्रति किलो से कम का नहीं मिलता और अच्छी क्वालिटी वाले बादाम की कीमत 1,000 रुपए प्रति किलो से भी ज्यादा होती है। इसलिए किसानों के लिए बादाम की खेती पारंपरिक फसलों के मुकाबले ज्यादा फायदेमंद होती है, इसलिए देश के कई हिस्सों में बादाम के पेड़ लगाने के प्रति किसान खासे आकर्षित हो रहे हैं। बादाम की फसल को हर साल बोना नहीं पड़ता है। एक बार बादाम का पेड़ तैयार हो जाए तो यह 50 साल तक फल देता है। बादाम के पेड़ की सही देख-रेख की जाए तो चार साल में फल देने लगता है। दो एकड़ में बादाम के पेड़ लगा दिए जाएं तो ये सात साल बाद औसतन ढाई से तीन लाख रुपए प्रतिवर्ष की इनकम देते हैं। 

वीना गौतम

5379487