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सामान्य से गंभीर प्रकार के दर्द से तुरंत राहत पाने के लिए लोग अकसर पेनकिलर का सहारा लेते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इनका ज्यादा सेवन आपको कई गंभीर हेल्थ प्रॉब्लम्स दे सकता है। ऐसे में सावधान रहना जरूरी है।

Painkillers use be alert: अमेरिका जैसे मजबूत मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर वाले देश में लगातार निगरानी के बाद यह बात सामने आई कि साल 2000 से 2017 तक हर दिन 91 लोगों की मौत पेनकिलर यानी दर्द निवारक दवा खाने से हो रही थी। जबकि अमेरिका में दवाओं की गुणवत्ता और दवाओं के इस्तेमाल की मात्रा पर कड़ाई से नजर रखी जाती है, तब यह हालत थी। इससे यह आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दुनिया के बाकी हिस्सों में पेनकिलर से हर दिन कितने लोगों की मौत होती होगी।

कोरोना के बाद बढ़ी मांग
साल 2018 में डब्ल्यूएचओ का एक अनुमान था कि हर दिन करीब 1.5 करोड़ खुराक दर्द निवारक दवाएं खाई जा रही थीं। अगर इनके 2010 से 2018 तक के इस्तेमाल में हुई वृद्धि के ट्रेंड को ही ध्यान में रखें, तो इस समय दुनिया में करीब हर रोज 2.5 करोड़ डोज दर्द निवारक दवाएं खाई जाती होंगी। हालांकि 2020-21 में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से ग्रस्त थी, उस दौरान तो सामान्य आंकड़ों के मुताबिक दर्द निवारक दवाओं की खपत में 2,000 फीसदी से भी ज्यादा की बढ़ोत्तरी हो गई थी।
 
पूरी दुनिया में बढ़ रही खपत

आधुनिक मेडिकल चिकित्सा के नाम पर दर्द निवारक दवाओं का जानलेवा फंदा पूरी दुनिया पर मंडरा रहा है। हालांकि ऐसा कोई देश नहीं है, जहां पेनकिलर के इस्तेमाल के खतरनाक दुष्परिणामों को बार-बार डॉक्टरों द्वारा या विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों द्वारा ना बताया जाता हो। लेकिन विभिन्न तरह के तात्कालिक दर्दों जैसे कान के दर्द, दांतों के दर्द, मांसपेशियों के दर्द, यहां तक कि सिर दर्द और चोट लगने से होने वाले दर्दों के साथ-साथ, हर महीने महिलाओं को होने वाले मासिक धर्म में भी बड़े पैमाने पर तुरंत राहत के लिए पेनकिलर लोग लेते हैं।
 
मांग बढ़ने की वजहें
दुनिया में हर साल 13.5 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं। जबकि करीब 40 लाख लोग सड़क दुर्घटनाओं का शिकार होते हैं। इन सड़क दुर्घटनाओं के शिकार होने वाले लोग महीनों तक हर दिन कई-कई पेनकिलर खाते हैं। कम से कम 5 से 7 करोड़ पेनकिलर हर साल सड़क दुर्घटनाओं से शिकार लोग ही खा जाते हैं। इससे इनकी खपत का अंदाजा लगता है। हालांकि देसी दवाओं या जड़ी बूटियों में भी दर्द निवारण की क्षमता है, बावजूद इसके इस्तेमाल में आसान होने के कारण और तात्कालिक रूप से फायदा पहुंचाने के कारण ज्यादातर लोग ऐलोपैथी की पेनकिलर दवाओं का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। यूरोप और अमेरिका में इन दिनों हजारों ऐसी संस्थाएं और संगठन काम कर रहे हैं, जो लोगों को दर्द निवारक दवाओं के इस्तेमाल से सचेत रहने के लिए आगाह कर रहे हैं। 

पेनकिलर के साइडइफेक्ट्स
माना जा रहा है कि हर साल दर्द निवारक दवाओं के साइडइफेक्ट के कारण 15 से 16 लाख लोगों की मौत हो जाती है। वास्तव में लगातार पेनकिलर का उपयोग करने से लिवर, किडनी, हृदय और रक्त परिसंचरण में कई तरह की समस्याएं आ जाती हैं। पेनकिलर लेने से पेट खराब होना आम बात है। पेनकिलर लगातार खाने से बहुत सारी चीजें रिएक्शन कर जाती हैं। पेट में अल्सर बनना इसके दुष्प्रभावों में बहुत आम है। यह सब जानने के बावजूद भी लोग हर दिन कई-कई पेनकिलर खाते हैं। बहुत से लोग तो निश्चित रूप से इनके दुष्प्रभावों के बारे में नहीं जानते हैं। कई बार दर्द से बचने के कारण इन्हें खाते हैं। क्योंकि तेज से तेज पेनकिलर महज 4 से 6 घंटे तक ही आपको दर्द से राहत देता है।
 
अन्य विकल्प खोजें
पिछले दिनों न्यूयॉर्क टाइम्स में छपे एक लेख में एक व्यक्ति ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया, कि मेरा डॉक्टर हर दिन मुझे दर्द से बचने के लिए पेनकिलर खाने के लिए कहते रहे। हालांकि इस व्यक्ति को लगातार पेनकिलर खाने से हिचक थी। लेकिन डॉक्टर का कहना था कि इसके अलावा कोई और उपाय ही नहीं है। बहरहाल उसने इंटरनेट में पेनकिलर का विकल्प ढूंढ़ा तो उसे जल्द ही न्यूरोपैथी में ऐसा विकल्प मिल गया। लेकिन हर कोई इतना कॉन्शस नहीं होता। हर देसी चिकित्सा पद्धति में बिना साइडइफेक्ट वाली पेनकिलर मौजूद हैं। आप अनुभवी विशेषज्ञ से सलाह लेकर इनका यूज कर सकते हैं।

रेखा देशराज

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