Relationship Tips: रिश्ते हमारे जीवन में सुख-दुख की छांव होते हैं। हमें जीने की ताकत देते हैं। इन्हें सहेज कर रखना बहुत जरूरी है। जरा सी दूरी हुई नहीं, ये कुछ वैसे ही मुरझाने लगते हैं जैसे किसी पौधे को सींचा ना जाए। इसलिए अपने रिश्तों को सींचते रहें, ताकि ताजगी बनी रहे। उन बातों का जरूर ध्यान रखें, जिनके कारण रिश्ते टूट जाते हैं, बिखर जाते हैं। रिश्ते कैसे हमेशा महकते रहें, मधुर रहें, आइए जानते हैं। 

रिश्ते हमारे जीवन में बहुत अहम होते हैं, लेकिन रिश्तों की डोर बहुत ही नाजुक होती है। जरा सी चूक से बरसों के रिश्ते देखते-देखते टूट जाते हैं। टूटे हुए रिश्ते दुबारा आसानी से नहीं जुड़ते। अगर जुड़ भी जाए तो मन में एक गांठ हमेशा के लिए लग जाती है। इसलिए रिश्ते हमेशा सहेजकर रखें। याद कीजिए, वह दौर जब हम छोटी-छोटी खुशियां अपने घर-परिवार, आस-पड़ोस में बांटते थे। लेकिन आज हम रिश्तों की अहमियत भूलते जा रहे हैं। हमारे रिश्तों में जो पहले अपनापन हुआ करता था, वो धीरे-धीरे गुम हो रहा है। रिश्तों के बीच की दूरियों को कम करने के लिए जरूरी है, समय-समय पर हम अपने रिश्तों को रिचार्ज करते रहें, इन्हें सहेज कर रखें। इसके लिए हमें कुछ बातों को अमल में लाना होगा।
 
संवाद बनाए रखें (maintain communication)

रिश्तों को सहेजने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है, कि हम आपस में मिलते-जुलते रहें, बातचीत करते रहें। हम फोन से बातचीत करें। कभी-कभी एक-दूसरे के घर मिलने भी जाएं। इस तरह हम निरंतर मिलकर, संवाद बनाकर एक-दूजे से जुड़े रहें, रिश्तों में अपनापन घोले रखें। कई बार बहुत दिनों तक ना मिलने की स्थिति में दूसरों की कही सुनने पर गलतफहमी पैदा हो जाती है, इससे रिश्तों में दरार पड़ सकती है। ऐसे में मिलकर अपनी गलतफहमी को दूर कर रिश्तों को मधुर बनाए रखा जा सकता है, इसमें हम अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार की भी मदद ले सकते हैं।

अहं छोड़ें, करें पहल (Leave your ego and take initiative)
कई बार हम किसी बात पर अपनों से नाराज हो जाते हैं। घर-परिवार, पास-पड़ोस, दोस्तों के बीच या कार्यालय में हमारी लोगों के साथ गलतफहमी हो जाती है। कभी छोटी-छोटी बातों पर बहस भी हो जाती है। इससे रिश्तों में खटास आ जाती है। अगर एक बार किसी से थोड़ी सी नाराजगी या मन-मुटाव हो जाए, तो हम अपने ईगो के चलते रिश्तों को सुधारने की पहल नहीं करते। यह कोई अच्छी बात नहीं है। बेहतर है कि हम आपसी मन-मुटाव को दूर करने के लिए आगे आकर इसे सुलझाने की कोशिश करें। हम अपने से छोटों या बड़ों की गलतियों को माफ करके अपने रिश्तों को मधुर बनाने की पहल करें। यह हमारा बड़प्पन ही कहलाएगा।

अपनी खुशियों, गम को शेयर करें (Share your happiness and sorrow)
रिश्तों को बनाए रखने लिए जरूरी है, कि हम अपनी खुशियों और गम को आपस में शेयर करें। बीमारी या मुसीबत के समय हम अपने परिचित, रिश्तेदारों या पड़ोसी से मिलकर उनके दर्द को बांटें, उनका संबल बनें। साथ ही खुशियों के मौके में सबके साथ अपनी खुशियां बांटें। खुशी ही नहीं, अगर कोई गम है तो उसे भी शेयर करें, इससे हमारा गम कम होगा, हमें एक ताकत मिलेगी। हो सकता है, कोई ऐसा रास्ता मिले, जो हमारी तकलीफ को हमेशा के लिए खत्म कर दे।
 
पुरानी यादों को सहेजें (save old memories)
साल में एक-दो बार परिवार के साथ पिकनिक पर जाएं, एक-दूजे के साथ समय बिताएं। साथ में फोटो खिंचवाएं, हम ऐसा करके अपने बचपन के दोस्तों, सहपाठी, पुराने पड़ोसी, किराएदार या सहकर्मी के साथ अपने पुराने रिश्तों को एक बार फिर से जीवंत कर सकते हैं, इससे हमारे मन को एक खुशी मिलेगी। बचपन में जिस स्कूल में पढ़ते रहे हों, वहां या जिस मकान में हम किराए से रहते थे, वहां जाकर देखें, मन को एक अलग ही तरह की खुशी मिलेगी।
 
दे सकते हैं उपहार (can give gifts)
समय-समय पर छोटे-छोटे उपहार भी रिश्तों को सहेजे रखने में सहायक होते हैं। नया साल, जन्मदिन, मैरिज एनीवर्सरी, होली- दिवाली या किसी भी शुभ अवसर आप अपनों को बधाई देने के साथ छोटा सा उपहार दें, साथ में फूलों का गुलदस्ता भी दे सकते हैं। आपका ऐसा करना अपनों का दिल जीतेगा, रिश्तों में मिठास लाएगा। 

एक-दूजे की भावनाओं की कद्र करें (respect each other's feelings)
रिश्ते गहरे अहसासों से जुड़े रहते हैं, जहां अहसास नहीं होते वहां रिश्ते ज्यादा दिन नहीं टिकते। ऐसे में एक-दूसरे की भावनाओं की कद्र करें। इससे रिश्ते गहरे बने रहते हैं। रिश्तों में एक ताजगी का अहसास बनता है। नए साल या किसी तीज- त्योहार के अवसर पर अपने गिले-शिकवे भुलाकर गले मिलें। देखिएगा, ऐसा करके आपको कितनी ज्यादा खुशी मिलती है। 

सोशल मीडिया से दूरी बनाएं (Stay away from social media)
आजकल रिश्तों में दूरियां आने का मुख्य कारण सोशल मीडिया है। हम जब देखो तब मोबाइल पर सोशल मीडिया में बिजी रहते हैं। यहां तक कि डाइनिंग टेबल पर खाना खाते वक्त भी मोबाइल चेक करते रहते हैं। ऐसे में हमें आपस में बातें शेयर करने का मौका नहीं मिलता। मोबाइल का मायाजाल हमारे रिश्तों को जुड़ने नहीं देता। हम सोशल मीडिया की आभासी दुनिया फेसबुक, एक्स, वाट्सअप में खुशी देखते हैं। घर- परिवार को समय नहीं दे पाते हैं। ऐसे में रिश्तों को कैसे सहेज कर रखा जा सकता है। रिश्ते सहेज कर रखने के लिए कुछ समय के लिए सोशल मीडिया से दूरी रखें। जब भी अपनों के साथ हों तो कुछ अपनी कहें, कुछ उसकी सुनें, इससे रिश्ते हमेशा गहरे और मधुर बने रहेंगे। 

सुधा रानी तैलंग