मप्र में ऐसा भी, एक निजी विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर तो पीडब्ल्यूडी में आईटी असिस्टेंट, अब कार्रवाई की तलवार लटकी

भोपाल। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) में ऐसे भी कर्मचारी हैं, जो दो-दो जगहों पर कार्यरत है। ऐसे ही एक कर्मचारी को लेकर पीडब्ल्यूडी में हंगामा मचा हुआ है। यह कर्मचारी एक निजी विश्विवद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर रेगुलर तौर पर कार्यरत है, उसका नाम मप्र प्राइवेट विश्वविद्यालय रेगुलेटरी कमीशन के पास भी भेजा गया है। वह पीडब्ल्यूडी में सुबह 10 से शाम 6 बजे तक की सेवाएं दे रहा है। अब दोनों जगहों पर कार्रवाई की तलवार लटक गई है।
प्राइवेट विश्वविद्यालय रेगुलेटरी कमीशन के नियमों के मुताबिक कोई भी कर्मचारी एक बार में एक ही जगह पर सेवाएं दे सकता है। यदि कोई जीिवकोपार्जन के लिए कहीं पार्ट टाइम सेवाएं दे रहा है तो वह कोई गैरकानूनी नहीं है, किंतु कोई भी ऐसा कर्मचारी तो किसी विश्वविद्यालय में ऑन रिकार्ड कार्यरत है तो वह अन्य किसी जगह पर रेगुलर तौर पर सेवाएं नहीं दे सकता है। दरअसल, एक शिकायत हुई कि एक निजी विश्वविद्यालय में बैचलर ऑफ एजूकेशन डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर रश्मि नामदेव कार्यरत हैं। इसका बाकायदे िरकार्ड प्राइवेट विश्वविद्यालय रेगुलेटरी कमीशन के पास भी भेजा गया है। इसका डिटेल कमीशन की वेबसाइट पर भी उपलब्ध है। किंतु वे पीडब्ल्यूडी में आईटी असिस्टेंट के रूप में कार्यरत हैं। उन्हें पीडब्ल्यूडी में मुख्य अभियंता दीपक असाई के कार्यालय में पदस्थ किया गया है। वे यहां वर्ष 2015 से ही कार्यरत हैं। पहले कंप्यूटर आपरेटर के तौर पर कार्यरत थीं, किंतु बाद में उनका प्रमोशन करके आईटी असिस्टेंट बना दिया गया। अब इसकी शिकायत हुई है। इस पर पीडब्ल्यूडी व रेगुलेटरी कमीशन ने कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
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कोई भी व्यक्ति एक बार में एक ही जगह पर अपनी सेवाएं दे सकता है। यदि कोई ऐसा करता है तो वह गैर कानूनी है। ऐसे लोगों के खिलाफ शिकायत के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। विश्वविद्यालय व संबंधित विभाग से भी जानकारी मंगाई जाएगी।
भरत शरण सिंह
चेयरमैन
मप्र प्राइवेट विश्वविद्यालय रेगुलेटरी कमीशन, भोपाल
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वह कर्मचारी मेरे कार्यालय में कार्यरत है। वे हर दिन सुबह 10 से 6 बजे तक ही सेवाएं देती हैं। ऐसे में मुझे नहीं पता कि और भी कहीं पदस्थ हैं। वे सोमवार को इसकी छानबीन करके कार्रवाई करेंगे। हालांकि नियुक्ति उन्होंने नहीं की है। यह अधीक्षण यंत्री एडमिन करते हैं। वे ज्यादा कुछ नहीं बता सकते।
दीपक असाई
मुख्य अभियंता मुख्यालय
पीडब्ल्यूडी, मप्र
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