किसानों के लिए विशेष योजना : मानसून के दौरान खेतों में जलभराव की समस्या से निजात मिलेगी

भिवानी : मानसून के दौरान किसानों को जलभराव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। जिला प्रशासन द्वारा जिला के जलभराव की समस्या वाले 12 गांवों के लिए विशेष योजना तैयार की गई है, जिस पर करीब साढ़े 27 करोड़ रुपए खर्च होंगे। योजनानुसार बरसात के साथ-साथ खेतों व जलभराव के आबादी क्षेत्र से पानी निकासी की जाएगी। बरसाती पानी को नजदीकी क्षेत्र की नहर या ड्रेन में डाला जाएगा। सिंचाई विभाग द्वारा टेंडर लगा दिए गए हैं, जो कि एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत मुख्यालय भेजे गए हैं। अनुमान के तौर पर 10 से 12 दिन में टेंडर खुल जाएंगे, इसके बाद काम शुरू हो जाएगा।
उल्लेखनीय है कि जिला में कुछ गांव ऐसे हैं जहां पर हर साल बारिश के दिनों में खेतों में भारी मात्रा में पानी जमा हो जाता है। इससे न केवल यहां खड़ी फसल बर्बाद हो जाती है, बल्कि किसान आगामी फसल की बिजाई भी नहीं कर पाते, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। इसी प्रकार से कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां आबादी क्षेत्र में पानी जमा होता है, जिससे लोगों को निकलना दूभर बन जाता है। नागरिकों की समस्या को गंभीरता से लेते लिए जिला प्रशासन ने एक विशेष योजना तैयार की है,जिसको सिंचाई विभाग द्वारा अमलीजामा पहनाया जा रहा है
इन गांवों में खेतों व आबादी क्षेत्र में जमा होता है मानसून में अत्यधिक बरसात का पानी
सिंचाई विभाग के अनुसार ढाणी हरिंसिंह, गुजरानी, तिगड़ी, तिगड़ाना, जाटू लोहारी, मुंढाल, घुसकानी और मिताथल गांवों का करीब 7500 से एकड़ से भी अधिक एरिया ऐसा है, जहां पर बरसात के दिनों में अत्यधिक पानी जमा होता है। यहां खेतों के साथ-साथ आबादी क्षेत्र में पानी जमा होता है। यहां से पानी निकासी सिंचाई विभाग के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाता है। लंबे समय तक खेतों में पानी खड़ा रहने से फसल भी खराब होती है, इसके साथ-साथ आगामी फसल की बिजाई भी नहीं हो पाती है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। सिंचाई विभाग ने इस क्षेत्र से बरसाती पानी की निकासी की योजना बनाई है, जिसके तहत मानसून में होने वाली बरसात के दिनों में यहां संबंधित इलाके के साथ लगती निगाना फीडर, गुजरानी माईनर, जुई फीडर व मिताथल फीडर के अलावा मिताथल-घुसकानी लिंक ड्रेन व सुखपुरा-मुंढाल लिंक ड्रेन में डाला जाएगा। इन गांवों में पानी की निकासी की योजना पर करीब 15 करोड़ 91 लाख रुपए खर्च होंगे।
इन चार गांवों में आबादी क्षेत्र के लिए बनाई योजना
गांव तालू, मुंढाल खुर्द, मुंढाल कलां व सिंचाई विभाग के तहत आने वाले बांडाहेड़ी गांव में आबादी के क्षेत्र में पानी की निकासी के लिए योजना बनाई है, जिस पर करीब 11 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च होंगे। मुंढाल खुर्द, मुंढाल कलां व बांडाहेड़ी गांव से पानी निकासी के लिए पंपसेट स्थापित किए जाएंगे और सुंदर नहर में पानी को डाला जाएगा। तालू गांव के पानी को तालू-सिवाड़ा लिंक माईनर में डाला जाएगा।
नहर व माइनर में डाला जाएगा साफ पानी
योजना के अनुसार खेतों व आबादी क्षेत्र से पानी को पाईप लाईन के माध्यम से नहर या माईनर के समीप लाया जाएगा। वहां पर जरूरत के अनुरूप कुंए बनाए जाएंगे। पहले कुंए में खेतों या आबादी क्षेत्र से पानी सीधा डाला जाएगा, जिसमें गाद आदि होगी। पहले कुंए में पानी साफ होने के उपरांत उसे दूसरे कुंए में डाला जाएगा, उसके बाद उसे सबमर्सिबल के माध्यम से नहर या माईनर में छोड़ा जाएगा। इस प्रकार से दो स्तर पर पानी साफ होकर नहर या माईनर में जाएगा।
खेतों में जमा पानी की निकासी की जाएगी
इस बारे में उपायुक्त आरएस ढिल्लो ने बताया कि जिला के कुछ ऐसे हैं, जहां बरसात के दिनों में पानी जमा होता है, जिससे फसल प्रभावित होती है। इस समस्या से निजात के लिए एक योजना तैयार की है, जिससे खेतों में जमा पानी की निकासी की जाएगी। इसके पश्चात किसानों को जलभराव की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
योजना के लिए टेंडर लगाकर मुख्यालय भेजा गया
इस बारे में सिंचाई विभाग के अधीक्षक अभियंता प्रदीप कुमार यादव ने बताया कि खेतों से पानी की निकासी की योजना के लिए टेंडर लगाकर मुख्यालय भेजा गया है। जल्द ही टेंडर खुलेगा और टेंडर खुलते ही काम शुरु हो जाएगा। अब किसानों के समक्ष जलभराव की समस्या नहीं रहेगी। इसके साथ ही योजना में शामिल किए गए गांवों के आबादी क्षेत्र से भी पानी की निकासी की जाएगी।
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