अलमारियों की शोभा बनेंगे विद्यार्थियों के टैबलेट : शेड्यूल जारी होने के बाद भी नहीं चले सिम कार्ड, Jio और AirTel को दिया था ठेका

अलमारियों की शोभा बनेंगे विद्यार्थियों के टैबलेट : शेड्यूल जारी होने के बाद भी नहीं चले सिम कार्ड, Jio और AirTel को दिया था ठेका
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प्रदेश सरकार ने दसवीं से लेकर बारहवीं कक्षा के तक के विद्यार्थियों को गुणवत्ता व रोजगारपरक शिक्षा प्रदान के लिए बच्चों को मुफ्त टैबलेट वितरित करने के लिए स्कूलों तक पहुंचाए थे।

हरिभूमि न्यूज : रेवाड़ी

प्रदेश सरकार ने दसवीं से लेकर बारहवीं कक्षा के तक के विद्यार्थियों को गुणवत्ता व रोजगारपरक शिक्षा प्रदान के लिए बच्चों को मुफ्त टैबलेट वितरित करने के लिए स्कूलों तक पहुंचा दिए। चार दिन बाद स्कूलों का ग्रीष्मावकाश शुरू हो रहा है, परंतु अधिकांश स्कूलों में यह टैबलेट सिमकार्ड डालकर एक्टिवेट नहीं किए गए हैं। ग्रीष्मावकाश के दौरान अब बड़ी संख्या में विद्यार्थी टैबलेट से शिक्षा हासिल करने से वंचित रह सकते हैं।

सरकारी स्कूलों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए प्रदेश सरकार ने दसवीं से बारहवीं कक्षा तक के बच्चों को मुफ्त टेबलेट देने का निर्णय लिया था। सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का शुभारंभ 5 मई को खुद सीएम मनोहर लाल ने किया था। इससे पूर्व सभी जिलों में डाइट सेंटरों पर विद्यार्थियों की संख्या के हिसाब से टेबलेट भेज दिए गए थे। स्कूल मुखिया इन्हें बच्चों को वितरित करने के लिए स्कूलों में ले आए थे। इतना समय बीत जाने के बाद भी इन टेबलेट को सिमकार्ड डालकर एक्टिवेट करने का कार्य भी तक पूरा नहीं किया जा सका है। इससे कई स्कूलों के बच्चों को गर्मियों की छुट्टियों में यह टैबलेट नहीं मिल पाएंगे।

दो कंपनियों को दिया था एक्टिवेशन का कार्य

इन टैबलेट में सिमकार्ड डालकर एक्टिवेट करने का ठेका शिक्षा विभाग ने जियो और एयरटेल कंपनियों को दिया था। शहरी क्षेत्र में जियो और ग्रामीण क्षेत्रों में एयरटेल को यह टैबलेट सिमकार्ड डालकर एक्टिवेट करने थे, लेकिन अभी तक मोबाइल कंपनियां इस कार्य को पूरा नहीं कर पाई हैं। कंपनी प्रतिनिधियों के स्कूलों में जाकर टैबलेट एक्टिवेट करने के लिए शेड्यूल जारी किया गया था, लेकिन शेड्यूल के अनुसार कंपनी प्रतिनिधि स्कूलों में नहीं पहुंच पा रहे। इससे ग्रीष्मावकाश से पहले सभी स्कूलों में टैबलेट चालू होने की उम्मीद काफी कम है।

स्कूल मुखियाओं काे सता रहा टैबलेट चोरी का डर

अगर ग्रीष्मावकाश से पहले यह टैबलेट चालू करने के बाद बच्चों को नहीं दिए गए, तो इन्हें स्कूलों की अलमारियों में रखना स्कूल मुखियाओं की मजबूरी बन जाएगा। उन्हें इस बात की आशंका सता रही है कि स्कूल बंद होने के बाद टैबलेट चोरी होने की आशंका बनी रहेगी। कई स्कूलों में चौकीदार नहीं होने के कारण इनकी सुरक्षा का जिम्मा उन्हें ही संभालना पड़ेगा। दूसरी बात यह है कि बच्चों को शिक्षा देने वाले अध्यापकों को टैबलेट की ट्रेनिंग देने का कार्य कलस्टर लेवल पर शुरू कर दिया गया है। टैबलेट चालू नहीं होने के कारण उन्हें बिना टैबलेट के लिए ट्रेनिंग की खानापूर्ति करनी पड़ रही है।

बच्चों को टैबलेट नहीं दिए जा सकेंगे

शिक्षा विभाग ने जिन कंपनियों को टैबलेट एक्टिवेट करने की जिम्मा सौंपा हुआ, उनके प्रतिनिधि शेड्यूल के अनुसार स्कूलों में नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसे में अवकाश शुरू होने से पहले बच्चों को टैबलेट नहीं दिए जा सकेंगे। इसके बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। -महेंद्र सिंह, बीईओ, रेवाड़ी

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