सरकार के आदेशों को ठेंगा : प्राइवेट स्कूल संचालक हुए बेलगाम, बिना फार्म छह जमा करवाए बढ़ा दी फीस

सरकार के आदेशों को ठेंगा : प्राइवेट स्कूल संचालक हुए बेलगाम, बिना फार्म छह जमा करवाए बढ़ा दी फीस
X
सरकार ने प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमर्जी से फीस वृद्धि रोकने को लेकर फार्म छह भरवाया था लेकिन कैथल के कुछ स्कूल संचालको ने फार्म छह तथा शिक्षा विभाग के नियमों को सरेआम ठेंगा दिखाते हुए अपनी फीस बढ़ा दी।

हरिभूमि न्यूज. कैथल

भले ही सरकार या कोई भी विभाग कुछ भी करे लेकिन ऐसा लग रहा है कि प्राइवेट स्कूल संचालक किसी की भी सुनने या मानने वाले नहीं है तथा अपनी मनमानी से फीस बढ़ा रहे हैं। यह हम नहीं बल्कि जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में नारेबाजी कर रोष जता रहे अभिभावकों का कहना है। सरकार ने प्राइवेट स्कूल संचालकों की मनमर्जी से फीस वृद्धि रोकने को लेकर फार्म छह भरवाया था लेकिन कैथल के कुछ स्कूल संचालको ने फार्म छह तथा शिक्षा विभाग के नियमों को सरेआम ठेंगा दिखाते हुए अपनी फीस बढ़ा दी।

फीस बढ़ाए जाने के विरोध में सोमवार को जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जिले के सैकड़ों अभिभावकों ने स्कूल संचालकों तथा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके विरोध में स्टूडेंट्स-पेरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी व सदस्य जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पहुंचे। अभिभावकों ने आरोप लगाया कि अधिकतर निजी स्कूलों ने वर्ष 2021-22 में उनसे फीस बढ़ाकर जमा करवाई है। यही नहीं स्कूल संचालकों ने विभाग के पास फार्म-छह भी जमा नहीं करवाया है जबकि प्रत्येक निजी स्कूल को फीस में की गई बढ़ोतरी की जानकारी विभाग को देना पड़ती है, जो फार्म-छह के तहत दी जाती है।

एसोसिएशन के प्रधान मोनू बतरा, सचिव गुरमीत गुलाटी, उपप्रधान अनिल खुराना, नृप जैन, राजकुमार व रिंकू सेतिया ने कहा कि जिले में कुल 232 निजी स्कूल हैं। जिसमें से महज 12 स्कूलों ने ही फार्म-छह जमा करवाया है। उन्हें यह जानकारी आरटीआइ के माध्यम से मिली है। अभिभावकों ने कहा कि जिन स्कूलों में विद्यार्थियों की फीस पहले 2150 रुपये तक थी, उन स्कूलों ने इस बार 3300 रुपये तक फीस बढ़ाई है। यह बढ़ोतरी भी उन्होंने बिना फार्म-छह की ही है। फीस एंड फंड रेगुलेटरी कमेटी की ओर से जारी पत्र का हवाला देते हुए अभिभावकों ने कहा कि शहर के कुछ स्कूल विद्यार्थियों से वार्षिक शुल्क लिया गया है। उसे भी विभाग अगली कक्षाओं की फीस के रूप में शामिल करें।

पंगू बनकर रह गया जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय

एसोसिएशन का कहना था कि निजी स्कूल संचालक सरेआम नियमों को ठेंगा दिखा रहे हैं लेकिन जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी पंगू बनकर यह सब देख रहे हैं। पदाधिकारियों का कहना था कि जब अधिकारी इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं ले सकते तो फिर क्यों सरकार से लाखों रुपये वेतन ले रहे हैं तथा जनता के सामने कार्यवाही का ड्रामा कर रहे हैं। उन्हांेने इसे लेकर जिला प्रशासन के अधिकारियों पर भी सवालिया निशान लगाया।

बीइओ को भेजा पत्र

जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा ने बताया कि स्टूडेंट्स-पेरेंट्स एसोसिएशन तथा अभिभावकों के रोष को देखते हुए फार्म-छह की जानकारी को लेकर सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा गया है। फार्म जमा करवाने के बाद उसकी प्रति स्कूलों के नोटिस बोर्ड पर लगाने के आदेश जारी किए जाएंगे।

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo

Tags

Next Story