जाट आरक्षण आंदोलन : पांच साल बाद समाप्त हो रहा झा कमीशन का कार्यकाल, इसी माह देनी होगी रिपोर्ट

चंडीगढ़। 5 साल से ज्यादा का वक्त बीत जाने के बावजूद भी जाट आंदोलन को लेकर झा कमीशन अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंप सका है। लेकिन इसी महीने कमीशन का कार्यकाल समाप्त हो रहा है और इसे आगे नहीं बढ़ाए जाने का सैद्धांतिक फैसला हो चुका है। यहां पर उल्लेखनीय है कि 5 साल से ज्यादा समय पहले गठित झा कमीशन की रिपोर्ट अभी भी फाइलों तक सीमित है। अप्रैल 2016 में गठित कमीशन का कार्यकाल बार-बार बढ़ाया गया लेकिन रिपोर्ट सामने नहीं आई।
झा कमीशन के कार्यकाल को बार-बार बनाए जाने पर गृह मंत्रालय की ओर से आपत्ति की गई थी, जिसके बाद में अब इसी माह कमीशन का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। आरक्षण आंदोलन के दौरान हिंसा व तोड़फोड़ और अधिकारियों की भूमिका के साथ-साथ जानमाल के नुकसान तमाम मुद्दों को लेकर कमीशन को जांच पड़ताल करनी थी। कमीशन को हर सूरत में इस महीने में रिपोर्ट देनी होगी। यह रिपोर्ट सार्वजनिक होगी या नहीं यह अलग विषय है।
हाईकोर्ट में भी मामला लंबित
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में एक मामला अभी लंबित है। उक्त मामला पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नजदीकी और पूर्व राजनीतिक सचिव रहे प्रोफेसर वीरेंद्र द्वारा डाला गया है। प्रोफेसर वीरेंद्र की अर्जी में उनकी एक ऑडियो क्लिप को लेकर कोर्ट में चुनौती दी गई थी। पूरे मामले में अदालत में 97 गवाहों को बुलाया था इतना ही नहीं 31 में से 7 शिकायत करने वालों ने भी 13 गवाह अदालत में पेश किए थे।
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