आरटीआई के तहत 10 बिंदुओं पर मांगी सूचना, डेढ़ महीने बाद भी मात्र 1 बिंदु की मिली जानकारी

आरटीआई के तहत 10 बिंदुओं पर मांगी सूचना, डेढ़ महीने बाद भी मात्र 1 बिंदु की मिली जानकारी
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जाखल निवासी आवेदक आकाश कुमार ने आरटीआई अधिनियम के तहत खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय टोहाना में आवेदनपत्र जारी कर खंड के अंतर्गत धारसूल खुर्द ग्राम पंचायत से 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी।

हरिभूमि न्यूज : फतेहाबाद (जाखल)

पारदर्शी एवं भ्रष्टाचारमुक्त शासन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2005 में सूचना का अधिकार (आरटीआई) अधिनियम अस्तित्व में लाया गया था। इस कानून ने देश के नागरिकों को एक मायने में वास्तविक स्वतंत्रता दी लेकिन इतने साल बाद भी इसके रास्ते में कई बाधाएं खड़ी हैं। लोगों को समय पर एवं सही जानकारी नहीं मिल पा रही। फिर भी सरकार इसके लिए कुछ करने को तैयार नहीं है। जाखल क्षेत्र में ही आरटीआई आवेदन के कई मामले लंबित पड़े दिखाई दे रहें हैं। जहां देखा गया है कि कार्यालयीन अधिकारी इस नियम के अंतर्गत जानकारी देने से कतरा रहें हैं। इसी ढीलेपन का ही नतीजा है कि आवेदन महीनों लटके रहते हैं।

जाखल निवासी आवेदक आकाश कुमार ने आरटीआई अधिनियम के तहत खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय टोहाना में आवेदनपत्र जारी कर खंड के अंतर्गत धारसूल खुर्द ग्राम पंचायत से 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। इसमें यूं ही हुआ कि खंड के जिम्मेदार अधिकारी बीडीपीओ ने स्वयं इसकी जवाबदेही सुनिश्चित कराने की अपेक्षा आवेदक को ग्राम पंचायत से सीधे तौर पर संपर्क कर सूचना प्राप्त करने के लिए पत्र जारी कर दिया, जबकि नियमानुसार बीडीपीओ ने स्वयं हस्तक्षेप कर आवेदक को पंचायत से जानकारी उपलब्ध कराना अनिवार्य था। जिम्मेदार अधिकारी की इस कार्यगुजारी का परिणाम ये हुआ कि ग्राम पंचायत द्वारा डेढ़ माह का समय बीतने के बाद भी आवेदक को सूचना मुहैया नहीं कराई है।

आवेदक आकाश कुमार ने सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत 23 अक्टूबर 2020 को खंड विकास एवं पंचायत कार्यालय टोहाना में आवेदन कर धारसूल खुर्द ग्राम पंचायत को किन किन मदों/योजनाओं के तहत आबंटित राशि एवं उक्त राशि के आवंटन खर्च के वर्षवार ब्यौरा की विभिन्न 10 बिंदुओं पर जानकारी मांगी थी। इसके जबाव में बीडीपीओ कार्यालय के पत्र द्वारा जानकारी संकलित करने हेतु ग्राम पंचायत को आदेशित एवं आवेदक को सीधे तौर पर पंचायत से सूचना लेने के लिए पत्र जारी किया था। पत्र जारी होने के बाद आवेदक ने जानकारी के लिए संबंधित पंचायत के सचिव से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने किसी संबंधी की शादी में व्यस्त होने का हवाला देते हुए ग्राम सरपंच से वार्ता करने की बात कही। आवेदक ने सरपंच से संपर्क किया तो जानकारी के लिए उसे कोई संतोषजनक जवाब न मिला।

ज्ञातव्य हो कि नियमानुसार आरटीआई के तहत मांगी गई सूचना 30 दिन में देना अनिवार्य है। धारसूल खुर्द पंचायत द्वारा एक माह बाद भी सूचना उपलब्ध न होने पर आवदेक ने इसकी जानकारी के लिए उच्च अधिकारियों को पत्र भेजा। इसके करीब 15 दिन की देरी के बाद भी पंचायत ने 10 बिंदुओं में से 1 बिंदु की जानकारी उपलब्ध करा खानापूर्ति कर दी गई है।

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