Hisar : एक ऐसा सॉफ्टवेयर, जो किसी भी जगह से कर देगा इंटरनेट से कनेक्ट

Hisar : एक ऐसा सॉफ्टवेयर, जो किसी भी जगह से कर देगा इंटरनेट से कनेक्ट
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आपातकालीन स्थिति में किन्हीं कारणों से इंटरनेट (Internet) व्यवस्था फेल हो जाए या उस एरिया में इंटरनेट व्यवस्था हो ना। ऐसे हालातों में अस्थाई रूप से वाईफाई नेटवर्क व्यवस्था स्थापित की जा सकती है।
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हरिभूमि न्यूज, हिसार

गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने एक और शानदार उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय की टीम राष्ट्रीय स्तर की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (Smart India Hackathon) -2020 की विजेता रही है।

शिक्षा मंत्रालय तथा अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद द्वारा आयोजित इस प्रतियोगिता परमाणु ऊर्जा विभाग श्रेणी में विश्वविद्यालय की टीम ने एक शोध समस्या का समाधान सुझाया है। कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार व कुलसचिव प्रो. हरभजन बंसल ने विजेता टीम को बधाई दी है।

कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी सृजनात्मक प्रतिभा का प्रदर्शन विश्वविद्यालय के साथ-साथ प्रदेश को भी गौरवान्वित किया है। स्मार्ट इंडिया हैकथॉन प्रतियोगिता युवाओं की सृजनात्मक प्रतिभा को विकसित करने की एक देशव्यापी पहल है। उन्होंने कहा है कि विश्वविद्यालय में शोध व नए आइडिया को विकसित करने के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।

विजेता टीम में सभी विद्यार्थी कंप्यूटर विज्ञान विभाग के हैं। टीम व्हाइट रोज के संरक्षक व मार्गदर्शन (Guidance) विभाग शिक्षक डा. सुनील वर्मा हैं। टीम में कंप्यूटर विज्ञान विभाग के छह विद्यार्थी शामिल थे। यश सिंह के नेतृत्व वाली इस टीम में संगीता सुरेश कोहार, गौतम वर्मा, रूचि जाड़ोलिया, लोकेश यादव तथा अमित कालवा शामिल थे। डॉ. सुनील वर्मा ने बताया कि शोध समस्या युद्ध या अन्य किसी अति आपातकालीन स्थिति से संबंधित थी।

आपातकालीन स्थिति में किन्हीं कारणों से इंटरनेट व्यवस्था फेल हो जाए या उस एरिया में इंटरनेट व्यवस्था हो ना। ऐसे हालातों में अस्थाई रूप से वाईफाई नेटवर्क व्यवस्था स्थापित की जा सकती है। विद्यार्थियों ने इस संबंध तैयार किए जाने वाले साफ्टवेयर का आइडिया प्रस्तुत किया तथा उसे आरंभिक स्तर पर क्रियान्वित करके दिखाया। इस आइडिया पर अब आगे और विस्तृत शोध होगा।

इस शोध कार्य को आगे बढ़ाने के लिए टीम के सदस्यों को परमाणु ऊर्जा विभाग की ओर से आमंत्रण मिला है। यह शोध किसी भी राष्ट्र के लिए अति उपयोगी है। जो राष्ट्र की सुरक्षा व सार्वजनिक जीवन से जुड़े अन्य मुद्दों से सीधा संबंधित है।

प्रतियोगिता तीन चरणों में ऑन लाइन आयोजित की गई। टीम के सदस्यों ने 36 घंटों को निरंतर कड़ी मेहनत की तथा अत्यंत कठिन परिस्थितयों का सामना करते हुए प्रतियोगिता को जीता। टीम पहले दौर के प्रदर्शन के आधार पर ही अगले दौर तक पहुंचती है।



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