निस्तारण की बजाय जला रहे हैं कूड़ा : पर्यावरण और लोगों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं सफाईकर्मी

Bahadurgarh News : कचरा निस्तारण की योजना अधिकारियों व ठेकेदार की लापरवाही के कारण लोगों की परेशानी का सबब बन रही है। इस योजना में लोगों के घर से कचरा एकत्रित करने की भी योजना थी। लेकिन नगर का कूड़ा डंपिंग स्थान पर पहुंचने की बजाय इधर-उधर जलता रहता है। इससे नगर के लोग कई प्रकार के प्रदूषण से प्रभावित हो रहे हैं।
बता दें कि नगर परिषद के रिकॉर्ड में नगर से प्रतिदिन औसत सौ टन से ज्यादा कूड़ा निकलता है। इसके निस्तारण के लिए नगर परिषद द्वारा करीब पांच किलोमीटर दूर नया गांव और सोलधा के बीच डंपिंग ग्राउंड पर कूड़ा पहुंचाया जाता है। लेकिन असलियत यह है कि शहर में सफाई के बाद एकत्र होने वाले कूड़े को उठाने के बजाय जलाया जा रहा है। नगर परिषद हर माह कूड़ा उठाने पर लाखों रुपए खर्च करता है। मगर ठेकेदार के कर्मचारी कूड़ा जलाकर नगर प्रशासन की मुहिम को झटका दे रहे हैं, बल्कि पर्यावरण और लोगों की सेहत के साथ भी खिलवाड़ कर रहे हैं।
परिषद लाखों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद शहरवासियों को स्वच्छ पर्यावरण नहीं दे पा रही है। नियमानुसार सफाई कर्मचारियों को कूड़ा उठाकर कलेक्शन सेंटर तक ले जाना होता है। ऐसे में कूड़े को उठाकर वहां तक ले जाने की जहमत से बचने के लिए वे उसे मौके पर ही जला रहे हैं। ऐसे में सूखे पत्तों के अलावा उसमें पॉलीथिन, केमिकल वेस्ट सहित अन्य हानिकारक पदार्थ भी जलकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे प्रदूषण के साथ और भी कई दिक्कतें होती हैं।
बेहद नुकसानदायक
कूड़ा-करकट जलाने से जो कण निकलते हैं, उससे स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। कार्बन डाइआक्साइड समेत कई अन्य जहरीली गैसें मिलकर पर्यावरण को दूषित बना रही हैं। कागज, पत्ते, पालीथीन तथा अन्य चीजों को जलाने से कार्बन मोनोआक्साइड, कार्बन डाइआक्साइड तथा वोलाटाइल केमिकल निकलते हैं। डॉ. एसएल अरोड़ा के अनुसार इसका सबसे बड़ा नुकसान फेफड़ों पर पड़ता है। सांस संबंधी रोगियों के लिए कचरे का धुआं बेहद नुकसानदायक है। इससे त्वचा संबंधी रोग से लेकर कैंसर होने का खतरा बना रहता है।
कूड़ा जलाना अपराध
पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 व वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम 1974-1988 के तहत दंडनीय अपराध है। कूड़ा जलाते पकड़े जाने पर जुर्माने के साथ-साथ जेल की सजा भी हो सकती है। लेकिन आज स्थिति यह है कि नगर के छोटे-छोटे क्लेक्शन प्वाइंट पर कचरा जलाकर नष्ट किया जा रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैल रहा है। अधिकारियों को सफाई कर्मचारियों को समझाना चाहिए कि कूड़ा जलाने से पर्यावरण प्रदूषण होता है और इस पर रोक लगानी चाहिए।
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