18 दिन बाद भी नाबालिग छात्रा की बरामदगी नहीं होने पर आईओ बदला, बेटी नहीं मिलने पर पीड़ित पक्ष ने दी चेतावनी

18 दिन बाद भी नाबालिग छात्रा की बरामदगी नहीं होने पर आईओ बदला, बेटी नहीं मिलने पर पीड़ित पक्ष ने दी चेतावनी
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ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में न केवल नांगतिहाड़ी के आवारा किस्म के लड़के शामिल हैं, बल्कि मेघोत बिंजा का भी एक युवक शामिल है, जिसने इन्हें वाहन उपलब्ध कराया। पुलिस इन सभी लड़कों से सख्ती से पूछताछ नहीं कर रही और न ही इन्हें मुकदमे में शामिल किया जा रहा है, जबकि उन पर भी लड़की को गुमराह करके घर से गायब करने में मदद करने का मामला बनता है। अब तक वह कई-कई बार एसपी एवं डीएसपी से मिल चुके हैं।

हरिभूमि न्यूज : नारनौल

शहरी क्षेत्र में शामिल हुए नजदीकी गांव की नाबालिग छात्रा छह जनवरी से लापता है। परिजनों ने संदेह के तौर पर पुलिस को कुछ लोगों के नाम भी बताए। बावजूद कोई धरपकड़ नहीं हुई। इस घटनाक्रम को 18 दिन बीत जाने के बाद कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलने पर सोमवार सैकड़ों की संख्या में लोग पीड़ित परिजनों के साथ सिटी थाना पहुंचे। सिटी एसएचओ ने उनका पक्ष जाना और मौके पर ही आईओ बदल दिया। छात्रा की तलाश में अब एएसआई नरेश कुमार होंगे। साथ ही एसएचओ ने 27 जनवरी तक छात्रा को तलाश करने का वायदा किया। परिजनों का तर्क था कि 27 तक पुलिस बेटी को तलाश करके नहीं लाती है और आरोपितों को नहीं पकड़ती है तो उस दिन लघु सचिवालय परिसर में सैकड़ों लोगों के साथ धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। इसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी।

जानकारी मुताबिक गत छह जनवरी की रात्रि को शहर के एक नजदीकी गांव से दो लड़कियां अचानक गायब हो गई थी। परिजनों ने उन्हें काफी तलाश किया, लेकिन वह नहीं मिली। जिस पर परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करा दी। जैसे-जैसे परिजनों ने अपने स्तर पर पता लगाया तो उन्हें जानकारी मिली कि नांगतिहाड़ी के लड़के उन्हें बहला-फुसलाकर कहीं ले गए हैं। इसमें एक लड़की उसी रोज दादरी पुलिस को मिल गई और संदेह के आधार पर पूछताछ करने उपरांत उसे वापस घर छोड़ गई, जबकि दूसरी लड़की अब तक घर नहीं लौटी है। परिजनों का कहना है कि जो लड़की वापस नहीं लौटी है, वह नाबालिग एवं नासम­झ है तथा उसे नांगतिहाड़ी का आवारा किस्म का लड़का बहला-फुसलाकर गुमराह करके कहीं ले गया है और अब किसी अज्ञात स्थान पर छुपाया हुआ है।

उनका आरोप है कि पुलिस को उनके मोबाइल नंबर एवं अन्य जानकारी दे चुके हैं, लेकिन बरामदगी में ढील बरती जा रही है। उन्होंने जांच अधिकारी पर भी मिलीभगत का संदेह जताया और उसे बदलने की मांग की। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में न केवल नांगतिहाड़ी के आवारा किस्म के लड़के शामिल हैं, बल्कि मेघोत बिंजा का भी एक युवक शामिल है, जिसने इन्हें वाहन उपलब्ध कराया। पुलिस इन सभी लड़कों से सख्ती से पूछताछ नहीं कर रही और न ही इन्हें मुकदमे में शामिल किया जा रहा है, जबकि उन पर भी लड़की को गुमराह करके घर से गायब करने में मदद करने का मामला बनता है। अब तक वह कई-कई बार एसपी एवं डीएसपी से मिल चुके हैं।

क्या कहते है एसएचओ

सिटी थाने पहुंचे ग्रामीणों की बातों को एसएचओ युद्धवीर सिंह ने सुनने उपरांत कहा कि पुलिस लगातार प्रयास कर रही है। ग्रामीणों की मांग पर उन्हें 27 जनवरी तक का समय दिया गया है तथा जांच अधिकारी भी बदल दिया गया है। उन्होंने बताया कि पुलिस निरंतर प्रयासरत है और सुराग लगते ही लड़का-लड़की दोनों को बरामद किया जाएगा।

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