पोर्टल में मिलेगी फसल की सटीक जानकारी, कर्मचारी खेतों में पहुंचकर कर रहे लोकेशन के साथ डाटा अपलोड

- कृषि विभाग के अलावा रेवन्यू विभाग की ओर से भी किया जाता है किसानों की फसलों का सर्वे
- पोर्टल में अपलोड डाटा के हिसाब से मंडी में बिक्री के लिए आनी वाली फसलों के लिए की जा सकेगी तैयारियां
- किसानों को मंडियों में नहीं होगी असुविधा, फसलों के डाटा के हिसाब से पहले की जा सकेगी सभी तैयारियां
महेंद्रगढ़। किस खेत किसान ने कौनसी फसल उगा रखी है, इसकी जानकारी मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल में मिल सकेगी। इसके लिए कृषि विभाग के कर्मचारी किसानों के खेतों में पहुंचकर लाइव लोकेशन के साथ फसलों का डाटा पोर्टल पर अपलोड कर रहे हैं। इसके अलावा रेवन्यू विभाग की ओर से भी किसानों की फसलों का गिरदावरी की जाती है। वहीं इसके अलावा सरकार की ओर से भी सैटेलाइट के माध्यम से इसका सर्वे किया जाता है तथा किसान भी पोर्टल पर रजिस्टे्रशन करते समय फसल की जानकारी अपलोड करते हैं।मेरी फसल-मेरा ब्यौरा में किसानों की फसल सटीक जानकारी मिलने के बाद मंडियों में भी ब्रिकी के लिए आने वाली फसलों के लिए पहले से ही उचित प्रबंध किए जा सकेंगे तथा किसानों को भी मंडी में असुविधा नहीं होगी।
बता दें कि किसान मंडी में अपनी फसल बेचने के लिए मेरी फसल मेरा ब्योरा पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराते हैं। इसमें वही किसान रजिस्ट्रेशन कर आते हैं जिन्हें मंडी में अपनी फसल बेचनी हो। पिछले दिनों इसमें गड़बड़ी भी सामने आई थी। इसके अलावा काफी संख्या में किसान पोर्टल पर फसलों की सटीक जानकारी नहीं डाल रहे थे। इससे मंडी में फसल बेचने के दौरान पर परेशानी आ रही थी। पिछले दिनों मुख्यालय ने कृषि विभाग के कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई हुई हैं। कर्मचारी किसानों के एक-एक खेत जाकर लोकेशन के साथ फसल का विवरण अपलोड कर रहे हैं।
मंडी में भी नहीं आएगी परेशानी
फसलों का रकबा और पैदावार का सही आंकलन होने के कारण मंडी के अधिकारियों को भी पहले से ही पता होगा कि किस ब्लॉक में औसतन कितनी पैदावार होगी और कितना क्विंटल अनाज मंडी में आ सकता है। इससे मंडी के अधिकारी भी उसी अनुरूप खरीद केंद्र में बारदाना व कामगार आदि की व्यवस्था पूर्ण कर सकेंगे। इससे मंडी में आने वाली फसलों को भी बेचने में सहूलियत होगी औसत पैदावार का विभाग के पास सही आंकलन होगा। वहीं विभाग की ओर से सभी फसलों का कटाई के समय औसत निकाला जाता है। इसके लिए चिह्नित गांव के खेतों में जाकर औसत पैदावार निकाला जाता है। फिलहाल पोर्टल पर किसान पटवारी और अधिकारियों द्वारा एक दूसरे से पूछ कर मैनुअल तरीके से डाटा अपलोड किया जाता था। इसमें गड़बड़ी की संभावना रहती थी, अब लोकेशन के साथ लाइव डाटा अपलोड होने से फसल और रखने की सही जानकारी होगी तो पैदावार का भी सही आकलन होगा।
सर्वे का काम अंतिम चरण पर
कृषि विभाग के एसडीओ डॉ. अजय यादव ने बताया कि विभाग के कर्मचारी खेतों में जाकर लोकेशन के साथ फसल का डाटा अपलोड कर रहे हैं। सर्वे का काम अंतिम चरण पर हैं। प्रतिदिन कर्मचारी की ओर से पोर्टल पर डाटा अपलोड किया जा रहा है।
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