हरियाणा में अगले सत्र से बंद हो जाएंगे 1338 निजी स्कूल ! तैयारी कर रही सरकार

हरियाणा में अगले सत्र से बंद हो जाएंगे 1338 निजी स्कूल ! तैयारी कर रही सरकार
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हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से इन स्कूलों को वर्ष 2021-22 के लिए, तो राहत प्रदान कर दी गई है। लेकिन अगले साल स्कूल संचालकों को राहत मिलना बेहद ही मुश्किल बात है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए इन स्कूलों में होने वाले दाखिलों पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी है।

चंडीगढ़। हरियाणा में 1338 अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का उसी स्कूल में शैक्षणिक सत्र 2022-23 में प्रवेश नहीं हो सकेगा। हरियाणा शिक्षा विभाग की ओर से इन स्कूलों को वर्ष 2021-22 के लिए, तो राहत प्रदान कर दी गई है। लेकिन अगले साल स्कूल संचालकों को राहत मिलना बेहद ही मुश्किल बात है। शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए इन स्कूलों में होने वाले दाखिलों पर पूरी तरह से रोक लगाने की तैयारी है। इस संबंध में शिक्षा मुख्यालय की ओर से सभी उपायुक्तों को लिखित में सूचना भी जारी कर आने वाले वक्त के लिए दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

इस संबंध में राज्य शिक्षा सदन और मुख्यालय निदेशालय ने जिला उपायुक्तों को पत्र भी जारी कर दिया है कि अपने जिलों से संबंधित जिला शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से यह सुनिश्चित करेंगे कि आगामी सत्र 2022-23 में बिना स्थाई मान्यता प्राप्त किसी भी निजी स्कूल में छात्रों का दाखिला नहीं करें। हर साल अस्थाई मान्यता प्राप्त स्कूल शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही अदालत की शरण लेते थे, वहीं स्कूलों द्वारा वकील के मार्फत याचिका दायर कर कहा जाता रहा है कि सरकार मान्यता हासिल करने से जुड़े नियमों में संशोधन कर रही है। यही कारण भी था कि उनको एक साल का विस्तार दे दिया जाए, साथ ही उनका यह भी तर्क था कि स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य खराब नहीं हो यही कारण भी था कि स्कूलों को एक्सटेंशन मिल जाती थी। सरकार ने नियमों में संशोधन कर दिया है, यह स्कूल अब अदालत की शरण में यह कहकर नहीं जाएंगे कि सरकार बदलाव करने जा रही है।

सरकार द्वारा नियमों में काफी राहत प्रदान की है और बावजूद इसके ये स्कूल अभी तक मान्यता हासिल नहीं कर सके। सरकार का ऐसा भी मानना है कि आगामी सत्र में इन स्कूलों के बच्चों को पास के ही सरकारी स्कूल में दाखिला दिया जाए। हालांकि अभी इस संबंध में कोई पत्र जारी नहीं किया गया है। मगर निदेशालय ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है ताकि बच्चों का भविष्य खराब होने से बचाया जा सके। दूसरी ओर अभी भी प्राइवेट स्कूल संघ प्रदेशाध्यक्ष सत्यवान कुंडू का कहना है कि सरकार को कोई ना कोई बीच का रास्ता अपनाना चाहिए क्योंकि यह छोटे छोटे से स्कूल गरीब बच्चों को बेहद ही कम फीस में बच्चों को पढ़ाने का काम कर रहे हैं। इनके बंद होने के बाद में बच्चों व अभिभावकों के सामने संकट पैदा हो

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