नहीं हुई लिखित परीक्षा तो बढ़ाए साक्षात्कार के अंक, लेकिन सूचित करना भूला पीएससी

रायपुर. छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई मनोविज्ञान सहायक भर्ती परीक्षा में अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के अंक तो बढ़ा दिए गए, लेकिन अभ्यर्थियों को सूचित करना भूल गया। इसके चलते ही जब गुरुवार को इंटरव्यू के नतीजे घोषित हुए तो कुल अंक में से अधिक प्राप्तांक देखकर कैंडिडेट्स हैरान रह गए।
अधिकतर कैंडिडेट्स को यह लगा कि साक्षात्कार में अंक दिए जाने में गड़बड़ी हुई है। अब पीएससी ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। लोक सेवा आयोग का कहना है कि पीएससी के परीक्षा नियमों में यह प्रावधान है कि यदि किसी पद के लिए आवेदन कम आते हैं ताे लिखित परीक्षा नहीं ली जाती है।
लिखित परीक्षा न हाेने पर आवेदन करने वाले सभी अभ्यर्थियों को सीधे साक्षात्कार के लिए बुला लिया जाता है। यदि लिखित परीक्षा आयोजित की जाती है, तब साक्षात्कार 30 अंकों का होता है। लिखित परीक्षा न होने पर साक्षात्कार 100 अंकों का होता है। मनोविज्ञान सहायक प्राध्यापक भर्ती परीक्षा में भी ऐसा ही हुआ, लेकिन कैंडिडेट्स को इस संदर्भ में सूचित नहीं किया गया कि उनका इंटरव्यू 100 अंकों का होगा।
8 पदों के लिए मंगाए थे आवेदन
उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत मनोविज्ञान के सहायक प्राध्यापक के 8 पदों के लिए पीएससी ने भर्ती विज्ञापन निकाला था। सिर्फ 45 कैंडिडेट्स ने ही इसके लिए आवेदन किया था। इसलिए लिखित परीक्षा न होकर सीधे साक्षात्कार आयोजित किया गया। इसमें भी 19 अनुपस्थित रहे और 9 के दस्तावेज सही नहीं थे। ऐसे में सिर्फ 17 परीक्षार्थियों के इंटरव्यू लेकर परिणाम जारी किए गए। नतीजे और अंक पीएससी के आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए जा चुके हैं।
ये है नियम
यदि लिखित परीक्षा नहीं ली जाती है तो साक्षात्कार 100 अंकों का होता है। यह परीक्षा का नियम है। सबकुछ प्रक्रिया अनुसार ही हुआ है।
- आरती वासनिक, परीक्षा नियंत्रक, पीएससी
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