बस्तर में विकास के दावे और हकीकत : वाहन है पर रास्ता नहीं... शव कैसे पहुंचे गांव तक.. खाट कांधे पर लादकर पैदल चलना है मजबूरी

बस्तर में विकास के दावे और हकीकत : वाहन है पर रास्ता नहीं... शव कैसे पहुंचे गांव तक.. खाट कांधे पर लादकर पैदल चलना है मजबूरी
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एक महिला की इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को वाहन से उसके घर भी भिजवा दिया। मगर गुड़से पहुँचने के बाद शव वाहन आगे रास्ता नही होने की वजह से घर तक नहीं पहुँच सका ... क्या है मामला, पढ़िए पूरी खबर...

पंकज भदौरिया-दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले से मानवता को झकझोर देने वाली तस्वीर फिर सामने आई है। यहां तमाम स्वास्थ्य सेवाओं के दावे नक्सलवाद झेल रहे ग्रामीण इलाकों में खोखले साबित हो जाते हैं। दरअसल पूरा मामला कटेकल्याण ब्लाक के गुड़से गांव से जुड़ा है। यहां ग्रामीण एक मृत महिला के शव को खाट पर लादकर 4 किलोमीटर दूर कनकीपारा उसके घर तक पहुंचाते नजऱ आ रहे हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, 22 वर्षीय महिला की जगदलपुर मेउिकल कालेज में इलाज के दौरान मौत हो गई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने शव को वाहन से उसके घर भी भिजवा दिया। मगर गुड़से पहुँचने के बाद शव वाहन आगे रास्ता नहीं होने की वजह से घर तक नही पहुँच सका। वहाँ से ग्रामीण मृत महिला को खाट पर रखकर 4 किलोमीटर पैदल चले।


हाल ही में सीएम ने जारी किया ये आदेश

हाल में ही छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य महकमे को आदेश जारी किया है कि इलाज के बीच मृत व्यक्तियों के शव को सम्मानपूर्वक अस्पताल प्रबंधन उनके घरों तक पहुँचाये। पर दंतेवाड़ा जिले में नक्सलवाद की वजह से सरकार की योजना अंतिम स्थान तक पहुँचने से पहले ही दम तोड़ देती है। इसके चलते मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें ऐसे ही बाहर निकलती रहती हैं।

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