विश्व स्तनपान सप्ताह 2025: मां और बच्चे के लिए जरूरी सुझाव और समाधान

World Breastfeeding Week 2025: Know the causes and solutions to problems of lack or excess of milk.
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विश्व स्तनपान सप्ताह 2025: मां और बच्चे के लिए जरूरी सुझाव और समाधान

विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 में जानें दूध की कमी या अधिकता की समस्याओं के कारण और समाधान। विशेषज्ञ सुझावों के साथ मां और शिशु के लिए स्वस्थ स्तनपान की पूरी जानकारी।

हर साल 1 से 7 अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य माताओं को स्तनपान के महत्व, उससे जुड़ी समस्याओं और उनके समाधान के बारे में जागरूक करना है। स्तनपान शिशु के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास के लिए पहला और सबसे महत्वपूर्ण पोषण है। हालांकि, कई माताओं को दूध की कमी या अधिक उत्पादन की समस्या का सामना करना पड़ता है। इस लेख में हम इन समस्याओं के कारण, समाधान और विशेषज्ञों के सुझावों पर चर्चा करेंगे, ताकि मां और शिशु दोनों स्वस्थ रहें।

1. दूध की कमी: कारण और समाधान

कई नई माताओं को लगता है कि उनका दूध शिशु के लिए पर्याप्त नहीं है। दिल्ली-एनसीआर के मदरलैंड हॉस्पिटल की हेड ऑफ डिपार्टमेंट-ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी, डॉ. कर्णिका तिवारी के अनुसार, दूध की कमी के प्रमुख कारण हैं:

  • हार्मोनल असंतुलन
  • अत्यधिक तनाव
  • पोषण की कमी
  • शिशु का स्तन से सही तरीके से न जुड़ पाना
  • मां और शिशु के बीच देर से संपर्क

दूध उत्पादन बढ़ाने के उपाय

जयपुर के कोकून हॉस्पिटल की सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. मितुल गुप्ता सुझाव देती हैं:

गर्भावस्था में पोषण:

  • दूसरे और तीसरे तिमाही में प्रोटीनयुक्त आहार (दूध, दही, अंडा, पनीर, दालें, सोया) लें।
  • कैल्शियम और आयरन के लिए हरी सब्जियां, सूखे मेवे और गुड़ खाएं।
  • ओमेगा-3 के लिए अलसी, अखरोट या फिश ऑयल सप्लीमेंट्स लें।
  • रोजाना 8-10 गिलास पानी पीकर शरीर को हाइड्रेटेड रखें।

डिलीवरी के बाद देखभाल:

  • जन्म के पहले घंटे में ही स्तनपान शुरू करें।
  • दिन में 8-12 बार स्तनपान कराएं, क्योंकि जितना अधिक शिशु दूध पिएगा, उतना ही अधिक दूध बनेगा।
  • पर्याप्त नींद और आराम लें।
  • पौष्टिक आहार जैसे दलिया, खिचड़ी, मूंग दाल, मेथी, सौंफ, अजवाइन और शतावरी लें।

लैक्टेशन बढ़ाने वाले घरेलू उपाय:

कोकून हॉस्पिटल की लैक्टेशन काउंसलर तमन्ना भनोट के अनुसार:

  • सौंफ: दूध बढ़ाने में मददगार।
  • मेथी दाना: सुबह भिगोकर खाएं।
  • शतावरी चूर्ण: आयुर्वेद में लैक्टेशन टॉनिक माना जाता है।
  • तरल पदार्थ: पानी, सूप, नारियल पानी और छाछ नियमित लें।

2. दूध का अधिक उत्पादन: समस्याएं और समाधान

कुछ माताओं को जरूरत से ज्यादा दूध बनने की समस्या होती है, जो असहज हो सकती है। दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट की सीनियर कंसल्टेंट, डॉ. मीनाक्षी बंसल बताती हैं कि यह समस्या हार्मोनल कारणों या आनुवंशिक प्रवृत्ति के कारण हो सकती है। अधिक दूध उत्पादन की समस्याएं:

  • स्तनों में जकड़न और दर्द।
  • बार-बार दूध का रिसाव।
  • शिशु को दूध पीने में घुटन या उल्टी।
  • एक स्तन से पेट भरने के कारण दूसरे स्तन में ब्लॉकेज, सूजन या मास्टाइटिस (संक्रमण) का खतरा।

अधिक दूध उत्पादन के समाधान:

  • फीडिंग पोजीशन: शिशु को लेड-बैक पोजीशन में दूध पिलाएं, ताकि दूध का प्रवाह धीमा हो।
  • एकल स्तन से फीडिंग: एक बार में सिर्फ एक स्तन का उपयोग करें, अगली बार दूसरा स्तन इस्तेमाल करें।
  • हल्का दूध निकालें: स्तनों में जकड़न होने पर हल्के हाथ से या ब्रेस्ट पंप से थोड़ा दूध निकालें, लेकिन ज्यादा नहीं।
  • ठंडी सिंकाई: स्तनों का दर्द और कठोरता कम करने के लिए ठंडी सिंकाई करें।
  • आरामदायक ब्रा: टाइट ब्रा से बचें, ताकि ब्लॉकेज न हो।
  • लैक्टेशन विशेषज्ञ से सलाह: यदि समस्या बनी रहे, तो विशेषज्ञ से सही पंपिंग शेड्यूल और हार्मोनल उपचार की सलाह लें।

स्तनपान के फायदे

  • शिशु के लिए: स्तनपान रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, पाचन में सुधार करता है और मानसिक विकास को बढ़ावा देता है।
  • मां के लिए: यह गर्भाशय को सिकोड़ने, वजन कम करने और स्तन कैंसर का जोखिम कम करने में मदद करता है।

खास बातें: विश्व स्तनपान सप्ताह 2025 माताओं को स्तनपान की चुनौतियों और समाधानों के बारे में जागरूक करने का एक शानदार अवसर है। दूध की कमी या अधिकता दोनों ही प्रबंधनीय हैं, बशर्ते सही जानकारी और विशेषज्ञ सलाह उपलब्ध हो। गर्भावस्था से लेकर डिलीवरी के बाद तक पोषण, आराम और सही तकनीकों का पालन करके मां और शिशु दोनों स्वस्थ रह सकते हैं। यदि आपको स्तनपान से संबंधित कोई समस्या हो, तो तुरंत अपने डॉक्टर या लैक्टेशन काउंसलर से संपर्क करें।

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