Health Tips: गेहूं का आटा या मल्टीग्रेन? शरीर के लिए कौनसा है फायदेमंद

गेहूं का आटा या मल्टीग्रेन (Image: Grok)
Health Tips: हर कोई चाहता है कि उसका शरीर फिट रहे, पाचन अच्छा हो और ऊर्जा बनी रहे। ऐसे में सवाल उठता है कि रोजाना रोटी बनाने के लिए कौन सा आटा सबसे अच्छा है? गेहूं का आटा या फिर आजकल का ट्रेंड बन चुका मल्टीग्रेन आटा? दोनों ही विकल्प सुनने में अच्छे लगते हैं, लेकिन असली फर्क इनके पोषक तत्वों और शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव में छिपा है।
डाइटिशियन श्रेया बताती हैं कि, गेहूं का आटा ज्यादातर लोग लंबे वक्त से खाते आ रहे हैं, इसलिए इस आटे को खाने में ज्यादा दिक्कत नहीं है। वहीं मल्टीग्रेन आटा स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं है। इसमें विभिन्न अनाजों का मिश्रण होता है, जो पोषक तत्वों की विविधता प्रदान करता है। हालांकि, कुछ मामलों में यह पाचन संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
गेहूं का आटा
भारत में गेहूं का आटा सदियों से घरों की रसोई में मुख्य स्थान रखता आया है। इसकी रोटी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि पेट भरने वाली भी होती है। गेहूं के आटे में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर, आयरन, मैग्नीशियम और बी-विटामिन पाए जाते हैं। यह शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है और लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता।
- पाचन क्रिया को मजबूत बनाता है।
- शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखता है।
- वजन संतुलित रखने में मदद करता है
- त्वचा और बालों के लिए लाभकारी है
मल्टीग्रेन आटा
मल्टीग्रेन आटा यानी कई तरह के अनाजों का मिश्रण। इसमें आमतौर पर गेहूं, जौ, बाजरा, ज्वार, रागी, चना जैसे अनाज शामिल होते हैं। इन सबका संयोजन शरीर को संतुलित पोषण प्रदान करता है। इसमें फाइबर, प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, जिंक, और विटामिन बी की मात्रा होती है। हर अनाज का अपना पोषक लाभ होता है, और जब इन्हें मिलाया जाता है तो यह आटा शरीर के लिए और भी उपयोगी बन जाता है।
- लंबे समय तक पेट भरा रखता है और वजन घटाने में सहायक है।
- फाइबर की अधिक मात्रा पाचन तंत्र को स्वस्थ रखती है।
- ब्लड शुगर को नियंत्रित करता है, जिससे मधुमेह के मरीजों को लाभ मिलता है।
- हृदय को स्वस्थ रखता है क्योंकि इसमें अच्छे कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन मौजूद हैं।
- शरीर में आवश्यक मिनरल्स और विटामिन्स की पूर्ति करता है।
कौन सा आटा है आपके शरीर के लिए बेहतर?
- अगर आपका शरीर सामान्य रूप से स्वस्थ है और आपको किसी तरह की एलर्जी या पाचन समस्या नहीं है, तो गेहूं का आटा आपके लिए पर्याप्त हो सकता है।
- अगर आप फिटनेस के प्रति सजग हैं, वजन नियंत्रित रखना चाहते हैं या शरीर को अधिक पोषक तत्व देना चाहते हैं, तो मल्टीग्रेन आटा बेहतर विकल्प है।
- आप चाहें तो दोनों को मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे 70% गेहूं और 30% मल्टीग्रेन। इससे आपको दोनों के फायदे एक साथ मिल जाएंगे।
आटे को पौष्टिक बनाने के तरीके
- बाजरा, ज्वार, रागी, चना और गेहूं को पीसकर घर में खुद मल्टीग्रेन आटा तैयार करें।
- आटे को ठंडी और सूखी जगह पर रखें, ताकि पोषक तत्व सुरक्षित रहें।
- मल्टीग्रेन आटा थोड़ा भारी होता है, इसलिए गूंधते समय पानी थोड़ा ज्यादा डालें।
- कम आंच पर पकाने से पोषक तत्वों की हानि नहीं होती।
गेहूं का आटा हमारी परंपरा का हिस्सा है, वहीं मल्टीग्रेन आटा आधुनिक युग की सेहतमंद सोच का प्रतीक। दोनों के अपने फायदे हैं, फर्क सिर्फ़ इस बात में है कि आपका शरीर किसे ज्यादा स्वीकार करता है। अगर आप अपनी डाइट में थोड़ी समझदारी से बदलाव करें और प्राकृतिक अनाजों को अपनाएं, तो न केवल आपकी रोटी स्वादिष्ट बनेगी, बल्कि आपका शरीर भी तंदुरुस्त रहेगा।
(Disclaimer): इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य स्वास्थ्य सुझावों पर आधारित है। इसका उद्देश्य केवल जागरूकता बढ़ाना है। यह किसी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी प्रकार के आहार परिवर्तन या स्वास्थ्य संबंधी निर्णय लेने से पहले अपने चिकित्सक या आहार विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
Source: https://pmc.ncbi.nlm.nih.gov/articles/PMC5629154
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