Helicopter Parenting: आप तो नहीं कर रहे बच्चों की हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग? जानें इसके 5 बड़े नुकसान

Helicopter Parenting: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा सुरक्षित, सफल और खुश रहे। लेकिन कई बार यह चाहत बच्चों की आज़ादी और मानसिक विकास में रुकावट बन जाती है। जब माता-पिता हर छोटी बात में दखल देने लगते हैं, हर फैसले में बच्चे को नियंत्रित करते हैं, तो इसे हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग कहा जाता है। यह नाम इसलिए पड़ा क्योंकि ऐसे माता-पिता बच्चों के सिर पर मंडराते रहते हैं, जैसे हेलीकॉप्टर।
शुरुआत में यह तरीका प्यार और सुरक्षा का प्रतीक लगता है, लेकिन लंबे समय तक ऐसी परवरिश से बच्चों में आत्मनिर्भरता की कमी, तनाव और निर्णय लेने की अयोग्यता जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आइए जानते हैं हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग के 5 प्रमुख नुकसान, जो हर अभिभावक को जानना जरूरी है।
आत्मनिर्भरता में कमी
जब बच्चे के हर काम में माता-पिता मदद करने लगते हैं – होमवर्क से लेकर दोस्तों के चुनाव तक – तो बच्चा खुद निर्णय लेने की कला नहीं सीख पाता। धीरे-धीरे वह हर चीज़ के लिए दूसरों पर निर्भर रहने लगता है। ऐसे बच्चे बड़े होकर भी छोटी-छोटी समस्याएं खुद नहीं सुलझा पाते।
आत्मविश्वास की कमी
हर समय अगर माता-पिता यह जताएं कि "तुमसे ये नहीं होगा", तो बच्चे के अंदर से खुद पर भरोसा खत्म हो जाता है। हेलीकॉप्टर पैरेंटिंग बच्चों को यह महसूस कराती है कि वे अकेले कुछ कर ही नहीं सकते। इससे उनका आत्मविश्वास कमजोर होता है, खासकर पब्लिक डीलिंग और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में।
तनाव और एंग्जायटी बढ़ना
हर समय की निगरानी और दबाव से बच्चे में तनाव और घबराहट की भावना बढ़ जाती है। जब उन्हें अपनी मर्जी से कोई काम करने का मौका नहीं मिलता, तो वे मानसिक रूप से थक जाते हैं। कई बच्चे गुस्सैल या चिड़चिड़े भी हो जाते हैं क्योंकि वे खुद को बंधा हुआ महसूस करते हैं।
निर्णय लेने की क्षमता में कमी
हेलीकॉप्टर पैरेंट्स बच्चों के लिए हर फैसला खुद लेते हैं – कौन सी किताब पढ़नी है, क्या पहनना है, क्या बनना है। नतीजा ये होता है कि बच्चा खुद सोचने और निर्णय लेने की क्षमता खो देता है। आगे चलकर करियर या रिश्तों में वह उलझन में रहता है।
सामाजिक विकास में रुकावट
हर बात में माता-पिता की दखल से बच्चा अपने दोस्तों या बाहरी दुनिया से सहज नहीं जुड़ पाता। उसे हर समय मार्गदर्शन की आदत हो जाती है, जिससे वो सोशल स्किल्स जैसे कि बातचीत, दोस्ती या संघर्ष का सामना करने में कमजोर साबित होता है।