Vitamin D deficiency: विटामिन-D की कमी को न करें नजरअंदाज, सिर्फ हड्डियां ही नहीं होती कमजोर, होते हैं ये 3 बड़े नुकसान

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Vitamin D deficiency: आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोग घरों और ऑफिसों में ज़्यादा समय बिताने लगे, जिसके चलते सूरज की रोशनी से मिलने वाला विटामिन D शरीर में कम होने लगा। यह विटामिन हड्डियों की मजबूती से लेकर इम्यून सिस्टम और मानसिक स्वास्थ्य तक कई ज़रूरी कामों में अहम भूमिका निभाता है। विटामिन D की कमी को नज़रअंदाज करना शरीर के लिए कई तरह की परेशानियों का कारण बन सकता।
विटामिन D शरीर में कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। जब इसकी कमी होती है तो हड्डियां कमजोर और भुरभुरी हो जाती हैं। बच्चों में इससे रिकेट्स नामक बीमारी हो सकती है, वहीं बड़ों में ऑस्टियोपोरोसिस या ऑस्टियोमलेसिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
मांसपेशियों में दर्द और थकान
विटामिन D की कमी से अक्सर लोग मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और ऐंठन की शिकायत करते हैं। सीढ़ी चढ़ना, कुर्सी से उठना या भारी सामान उठाना मुश्किल हो जाता है क्योंकि यह विटामिन मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने में मदद करता है।
थकान और ऊर्जा की कमी
अगर आप अच्छी नींद लेने के बावजूद भी थकान महसूस करते हैं तो इसकी एक बड़ी वजह विटामिन D की कमी हो सकती है। यह शरीर की ऊर्जा उत्पादन प्रक्रिया और माइटोकॉन्ड्रिया के कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
संक्रमण का बढ़ता खतरा
विटामिन D की कमी से इम्यून सिस्टम कमज़ोर हो जाता, जिससे शरीर वायरस और बैक्टीरिया से लड़ने में अक्षम हो जाता है। ऐसे में आपको सर्दी-जुकाम, फ्लू और सांस की बीमारियों का खतरा अधिक रहता है।
मूड स्विंग्स और डिप्रेशन
इस विटामिन का एक और अहम रोल मूड को नियंत्रित करना है। यह सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करता है। सर्दियों में जब सूरज की रोशनी कम मिलती है, लोग सीजनल डिप्रेशन या एंग्जायटी से परेशान हो सकते हैं।
समाधान क्या है?
विटामिन D का सबसे अच्छा स्रोत सूरज की रोशनी है। रोजाना सुबह 15–20 मिनट धूप में रहना, विटामिन D से भरपूर चीज़ें जैसे अंडे की ज़र्दी, मशरूम, दूध, फोर्टिफाइड फूड्स आदि का सेवन और ज़रूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट लेना फायदेमंद हो सकता है।
(प्रियंका कुमारी)
(disclaimer:आर्टिकल में दिए गए सुझाव और सलाह केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। किसी भी फिटनेस रुटीन को शुरू करने या अपने आहार में कोई भी बदलाव करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या विशेषज्ञ से सलाह लें।)