Monsoon Diet Tips: बरसात में क्यों जरूरी है सात्विक भोजन? जानें सावन में क्या खाएं, क्या नहीं

सात्विक भोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी सबसे सही विकल्प
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सात्विक भोजन थाली: फल, सब्जियां, दाल-चावल, रोटी, साबूदाना, कुट्टू, ताजा दही, दूध और हल्दी वाला दूध के साथ पौष्टिक और संतुलित पारंपरिक भारतीय आहार।

Diet Tips: सावन और बारिश के मौसम में क्यों करना चाहिए सात्विक भोजन? जानिए कैसे हल्का, ताजा और कम मसालेदार खाना शरीर और मन दोनों को रखता है स्वस्थ और रोगमुक्त।

सावन का महीना यानी बारिश के बीच का वह समय जब मौसम में नमी और संक्रमण दोनों चरम पर होते हैं। इस मौसम में पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है और खानपान थोड़ा भी गड़बड़ हुआ तो बीमारियां जल्दी पकड़ लेती हैं। ऐसे में सात्विक भोजन न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी सबसे सही विकल्प माना जाता है।

क्यों जरूरी है सात्विक भोजन?

  • बरसात के मौसम में आर्द्रता और तापमान के कारण पाचनशक्ति धीमी हो जाती है।
  • तले-भुने और भारी भोजन की बजाय उबला, कम मसालेदार और हल्का खाना बेहतर रहता है।
  • सावन में खाद्य सामग्री जल्दी खराब होती है, जिससे फूड प्वाइजनिंग या डायरिया जैसी दिक्कतें बढ़ती हैं।
  • ताजे और सात्विक भोजन से शरीर संक्रमणों से लड़ने में सक्षम बनता है।

सात्विक भोजन के फायदे

  • हल्दी, अदरक, तुलसी, नींबू जैसे हर्बल तत्व रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।
  • यह भोजन शरीर को शुद्ध करता है और त्वचा से जुड़ी समस्याओं से भी बचाता है।
  • एलर्जी, दमा और स्किन इंफेक्शन से भी राहत मिलती है।

मन को भी मिलती है शांति

सावन के उमस भरे मौसम में मानसिक थकावट और तनाव होना आम बात है। ऐसे में सात्विक भोजन न केवल ऊर्जा देता है, बल्कि मन को भी शांत रखता है। इससे डिप्रेशन जैसी भावनाएं कम होती हैं और मानसून का असर आपके मूड पर नहीं पड़ता।

क्या खाएं?

  • फल और सब्जियां
  • दूध, छाछ, दही
  • साबूदाना, कुट्टू
  • घर का बना ताजा दाल-चावल और रोटी
  • तुलसी-अदरक वाली चाय या हल्दी वाला दूध

क्या न खाएं?

  • तले हुए पकौड़े, समोसे
  • मांसाहारी भोजन
  • बासी या बाहर का खाना
  • बहुत ज्यादा मसाले या तेल वाला खाना
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