Parenting Tips: बच्चे की हर ज़िद पूरी करना न पड़ जाए भारी, पैरेंट्स होने के नाते ध्यान रखें ये बातें

child demand fulfillment side effects
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बच्चे की हर जिद पूरी करना पड़ सकता है भारी।

Parenting Tips: पैरेंट्स होने के नाते बच्चे की हर जिद पूरी करने वाले लोगों की कमी नहीं है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।

Parenting Tips: बचपन मासूमियत और जिज्ञासा से भरा होता है। इस उम्र में बच्चे अक्सर अपनी छोटी-बड़ी इच्छाओं को ज़िद बनाकर सामने रखते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को खुश देखने के लिए उनकी हर मांग पूरी करने की कोशिश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बच्चे की हर ज़िद पूरी करना लंबे समय में उसकी आदतों और पर्सनैलिटी पर निगेटिव असर डाल सकता है?

पैरेंटिंग का मतलब सिर्फ बच्चों को खुश रखना नहीं, बल्कि उन्हें जिम्मेदारी और धैर्य सिखाना भी है। अगर बच्चे की हर डिमांड तुरंत पूरी कर दी जाए तो वह चीजों की अहमियत समझना भूल सकता है। ऐसे में माता-पिता को समझदारी और संतुलन के साथ बच्चों की इच्छाओं और जिदों को मैनेज करना चाहिए।

बच्चे की हर ज़िद पूरी करना क्यों गलत है?

बच्चे की हर इच्छा पूरी करने से उसमें तुरंत संतुष्टि पाने की आदत विकसित हो सकती है। इससे वह धैर्य और इंतजार करना नहीं सीख पाता। बड़े होने पर यह आदत रिश्तों और करियर पर भी असर डाल सकती है।

5 बातों पर ध्यान दें पैरेंट्स

सीमाएं तय करना ज़रूरी: पैरेंट्स को बच्चों की मांग और जिद में फर्क समझना चाहिए। हर मांग पूरी करने के बजाय बच्चों को बताएं कि कौन-सी चीज सही है और कौन-सी नहीं। सीमाएं तय करने से बच्चे में अनुशासन और जिम्मेदारी की भावना विकसित होती है।

नेगेटिव व्यवहार से बचें: अगर बच्चे की हर बात मान ली जाए तो वह जिद्दी और चिड़चिड़ा हो सकता है। यह आदत भविष्य में उसकी सोशल लाइफ को प्रभावित कर सकती है। बच्चों को समझाना जरूरी है कि हर चीज तुरंत मिलना संभव नहीं है।

विकल्प देना सीखें: जब बच्चा किसी चीज के लिए जिद करता है तो तुरंत मना करने की बजाय उसे विकल्प दें। जैसे अगर वह महंगी खिलौना कार चाहता है, तो उसे सस्ता और बेहतर विकल्प समझाकर दें। इससे बच्चे में तार्किक सोच विकसित होगी।

संवाद बनाए रखें: बच्चों की जिद को दबाने के बजाय उनसे बातचीत करें। उनकी भावनाओं को समझें और उन्हें बताएं कि कौन-सी मांग क्यों पूरी नहीं की जा सकती। संवाद से बच्चे माता-पिता की बातों को ज्यादा आसानी से स्वीकार करते हैं।

बच्चों को मूल्य सिखाएं: हर चीज का मूल्य समझाना जरूरी है। जब बच्चा किसी चीज के लिए मेहनत करता है और बाद में उसे पाता है, तो वह उस चीज की अहमियत को बेहतर तरीके से समझता है। यह आदत उसके जीवनभर काम आती है।

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