Black Day 2025: आज, 14 फरवरी 2025 को भारत में पुलवामा आतंकवादी हमले की छठी बरसी मनाई जा रही है। यह हमला 14 फरवरी 2019 को हुआ था, जब जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले को निशाना बनाया था, जिसमें 40 वीर सैनिक शहीद हो गए थे। इस हमले ने पूरे देश को शोक में डुबो दिया था और यह दिन भारत के इतिहास में एक काले दिन के रूप में दर्ज है।
हमला: एक दर्दनाक घटना
14 फरवरी 2019 को, दोपहर लगभग 3:15 बजे, एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से भरी SUV को CRPF के काफिले में घुसा दिया। इस धमाके में 40 जवान शहीद हो गए, और यह घटना पूरे देश को झकझोर कर रख दी। आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। बारह दिन बाद 26 फरवरी को देर रात भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में स्थित बालाकोट में जैश के शिविर पर बमबारी की।
तत्काल और कड़ी प्रतिक्रिया
इस हमले के बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले की कड़ी निंदा करते हुए "हमारे शहीद जवानों के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने देने" का वचन दिया। सरकार ने पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंधों को और भी कड़ा किया और 26 फरवरी 2019 को बालाकोट एयरस्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकाने को निशाना बनाया।
रात करीब 3 बजे, भारतीय वायुसेना के 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमान ने नियंत्रण रेखा (LoC) को पार करते हुए जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को नष्ट कर दिया। इस हमले में लगभग 300 आतंकवादियों के मारे जाने की खबरें आईं। भारतीय वायुसेना ने लगभग 1000 किलोग्राम विस्फोटक गिराकर आतंकी शिविरों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया।
शहीदों को श्रद्धांजलि
आज पुलवामा हमले की छठी बरसी है। इस दिन पूरे देश में शहीद CRPF जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। विभिन्न राज्यों में स्मृति सेवाएं आयोजित की जा रही हैं और शहीदों के गृह नगरों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित कर शहीदों की शहादत को याद किया जाता है।
सीखे गए पाठ और सुरक्षा इंतजाम
पुलवामा हमले के बाद, भारत ने सुरक्षा उपायों को और सख्त किया है। काफिले की सुरक्षा में सुधार, खुफिया जानकारी के आदान-प्रदान को बेहतर बनाने और निगरानी के बढ़े हुए इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा, भारत ने वैश्विक मंचों पर आतंकवाद के खिलाफ अपनी आवाज को बुलंद किया है।
आतंकवाद के खिलाफ निरंतर संघर्ष
छह साल बाद भी, भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में दृढ़ है। पुलवामा हमला इस बात का सबूत है कि भारत अपने शहीदों के बलिदान को कभी नहीं भूलेगा और आतंकवाद को पूरी तरह से समाप्त करने का संकल्प लिया है।
नतीजा: एकजुट भारत का संकल्प
पुलवामा हमला भले ही एक दर्दनाक अध्याय है, लेकिन यह देश की संकल्प शक्ति का प्रतीक भी है। यह दिन हमें आतंकवाद के खिलाफ सतर्क रहने और शांति और सुरक्षा की दिशा में निरंतर प्रयास करने की याद दिलाता है।