Wheat Storage: नीम से ज्यादा असरदार है यह हरा पत्ता, गेहूं सालभर स्टोर करने में करें यूज़, नहीं होंगे कीड़े-घुन!

Basil Leaves for wheat storage
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गेहूं को सालभर स्टोर करने का आसान तरीका।
Wheat Storage: मई के महीने में लोग सालभर के लिए गेहूं स्टोर कर लेते हैं। ऐसे में उन्हें अच्छी तरह से संभालकर रखने के लिए एक देसी तरीका काफी कारगर साबित हो सकता है।

Wheat Storage: भारतीय रसोई में गेहूं एक ऐसा अनाज है जो पूरे साल उपयोग में आता है। इसकी अहमियत इतनी है कि अधिकतर घरों में सालभर का गेहूं एक साथ खरीदा जाता है और लंबे समय तक स्टोर किया जाता है। लेकिन अगर गेहूं को सही तरीके से न रखा जाए, तो उसमें कीड़े लग सकते हैं या वह सड़ सकता है। इसलिए जरूरी है कि हम ऐसा तरीका अपनाएं जो प्राकृतिक हो, सुरक्षित हो और लंबे समय तक गेहूं को खराब होने से बचा सके।

जहां अधिकांश लोग कीटनाशकों या रासायनिक उत्पादों का सहारा लेते हैं, वहीं एक देसी और बेहद प्रभावी उपाय है तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल। तुलसी के पत्ते अपने प्राकृतिक गुणों की वजह से कीड़ों को दूर रखते हैं और गेहूं की गुणवत्ता बनाए रखते हैं। यह नुस्खा न केवल पारंपरिक है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी सुरक्षित है, क्योंकि इसमें किसी भी प्रकार का केमिकल इस्तेमाल नहीं होता। इस लेख में हम जानेंगे कि तुलसी के पत्तों से गेहूं को कैसे सालभर सुरक्षित रखा जा सकता है।

तुलसी के पत्तों का उपयोग क्यों करें?
तुलसी के पत्तों में कई प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटी सेप्टिक गुण होते हैं। यह पत्ते कीटों को दूर रखते हैं और गेहूं को खराब होने से बचाते हैं। जब आप गेहूं को स्टोर करने के लिए तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करते हैं, तो न केवल गेहूं की ताजगी बनी रहती है, बल्कि यह प्राकृतिक तरीके से गेहूं को सालभर सुरक्षित रखने में मदद करता है। इसके अलावा, तुलसी के पत्तों की गंध की वजह से कीड़े भागते हैं, जिससे गेहूं में किसी भी प्रकार के नुकसान का खतरा कम हो जाता है।

गेहूं स्टोर करने का तरीका

तुलसी के पत्तों की तैयारी करें: सबसे पहले, ताजे और हरे-भरे तुलसी के पत्तों का चयन करें। इन पत्तों को अच्छे से धोकर सुखा लें। यह सुनिश्चित करें कि पत्ते पूरी तरह से सूख गए हों, ताकि कोई भी नमी इनमें न हो जो गेहूं के स्टोर होने में समस्या पैदा कर सके।

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गेहूं के स्टोर कंटेनर में पत्तों का इस्तेमाल करें: गेहूं को स्टोर करने के लिए किसी भी साफ और सूखे कंटेनर का इस्तेमाल करें, जैसे प्लास्टिक का डब्बा या जूट का बैग। इस कंटेनर में गेहूं डालने से पहले उसमें तुलसी के सूखे पत्तों को समान रूप से फैला दें।

पत्तों की परतें बनाएं: जब आप गेहूं को कंटेनर में डालें, तो हर परत में तुलसी के पत्तों की एक और परत डालें। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करती है कि तुलसी का प्राकृतिक गुण हर दाने के पास पहुंचे और गेहूं पूरी तरह सुरक्षित रहे।

कंटेनर को बंद रखें: तुलसी के पत्तों से भरे कंटेनर को बंद करके ठंडी और अंधेरी जगह पर रखें। यह न केवल कीड़ों को दूर रखेगा, बल्कि हवा की नमी को भी नियंत्रित करेगा, जिससे गेहूं की ताजगी बनी रहती है।

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मुलायम और फ्रेश रखें: समय-समय पर, कंटेनर खोलकर जांच करें कि पत्तों की स्थिति कैसी है। अगर पत्ते सूखने लगे तो उन्हें बदल सकते हैं, ताकि उनकी गुणवत्ता बनी रहे। तुलसी के पत्ते गेहूं को लंबे समय तक फ्रेश और सूखा रखने में मदद करते हैं।

तुलसी के पत्तों का वैज्ञानिक पहलू
तुलसी के पत्तों में उपस्थित ऑलिंफेनोल, यूजेनोल, और अन्य सक्रिय यौगिकों के कारण यह प्राकृतिक रूप से बैक्टीरिया और फंगस को नियंत्रित करने में सक्षम होते हैं। तुलसी का तेल कीड़े-कीटों को भगाने के लिए एक प्राकृतिक रिपेलेंट के रूप में कार्य करता है। इसलिए, जब आप तुलसी के पत्तों को गेहूं में डालते हैं, तो यह गेहूं को कीटों और नमी से सुरक्षित रखता है, और इसके साथ ही साथ गेहूं का स्वाद और गुणवत्ता भी बरकरार रहती है।

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