Frequent Urination: डायबिटीज मरीजों को क्यों बार-बार आती है यूरिन? किस तरह रख सकते हैं अपनी सेहत का ख्याल

frequent Urination in diabetic paitents
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डायबिटीज मरीजों को बार-बार यूरिन आने की वजह।
Frequent Urination: डायबिटीज पेशेंट्स के लिए बार-बार पेशाब आना एक कॉमन समस्या है। इसकी वजह ब्लड शुगर का बढ़ना होता है। ऐसे में मरीजों को कुछ जरूरी एहतियात बरतकर अपनी सेहत का ख्याल रखना चाहिए।

Frequent Urination: डायबिटीज (मधुमेह) एक ऐसी जीवनशैली से जुड़ी बीमारी है, जो यदि नियंत्रण में न रखी जाए तो यह कई अन्य समस्याओं को जन्म दे सकती है। इन्हीं में से एक आम लक्षण है बार-बार पेशाब आना यानी फ्रीक्वेंट यूरिनेशन। यह समस्या न सिर्फ असुविधा देती है, बल्कि शरीर से आवश्यक तरल और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी भी कर सकती है।

डॉक्टर्स के अनुसार, जब शरीर में ब्लड शुगर का स्तर बहुत अधिक हो जाता है, तो गुर्दे इसे फिल्टर करने के लिए अधिक मेहनत करते हैं। यह अतिरिक्त शुगर यूरिन के माध्यम से बाहर निकलती है और साथ ही शरीर से अधिक मात्रा में पानी भी निकलता है, जिससे पेशाब बार-बार आती है।

डायबिटीज से पीड़ित मरीज यदि अपनी दिनचर्या और खानपान में थोड़ी सतर्कता बरतें, तो इस लक्षण को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। आइए जानते हैं कुछ जरूरी उपाय:

ब्लड शुगर लेवल को रखें कंट्रोल में
बार-बार यूरिनेशन की जड़ में असंतुलित शुगर लेवल होता है। इसलिए नियमित रूप से ब्लड शुगर की जांच करें और डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाओं को समय पर लें। संतुलित भोजन और नियमित व्यायाम से ग्लूकोज़ नियंत्रण में रहता है और पेशाब की समस्या कम हो सकती है।

रात में पानी पीने का समय तय करें
रात को बार-बार पेशाब आने से नींद बाधित होती है। कोशिश करें कि सोने से एक-दो घंटे पहले पानी पीना कम करें। दिनभर पर्याप्त पानी पिएं ताकि शरीर हाइड्रेटेड रहे, लेकिन रात में मात्रा सीमित रखें।

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कैफीन और मीठे पेय से बनाएं दूरी
चाय, कॉफी और शक्करयुक्त ड्रिंक्स डाइयूरेटिक होते हैं, जिससे बार-बार पेशाब लगती है। डायबिटिक मरीजों को इनका सेवन सीमित करना चाहिए। इनके स्थान पर नारियल पानी, छाछ या नींबू पानी जैसे प्राकृतिक पेय बेहतर विकल्प हैं।

फाइबर युक्त आहार अपनाएं
फाइबर पाचन में मदद करता है और शुगर के स्तर को स्थिर बनाए रखने में सहायक होता है। ओट्स, ब्राउन राइस, सब्जियाँ और फल जैसे आहार अपनाकर शुगर के प्रभाव को नियंत्रित किया जा सकता है, जिससे बार-बार पेशाब की समस्या भी घटती है।

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तनाव को कहें अलविदा
तनाव हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है जो ब्लड शुगर लेवल को प्रभावित करता है। योग, ध्यान और गहरी सांसों के अभ्यास से तनाव को कम करें। इससे न केवल डायबिटीज कंट्रोल में रहती है, बल्कि बार-बार पेशाब आने की परेशानी भी कम होती है।

डायबिटीज में बार-बार पेशाब आना एक सामान्य लेकिन नजरअंदाज नहीं करने वाली समस्या है। यदि समय रहते इसे समझा और नियंत्रित किया जाए, तो जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है। डॉक्टर की सलाह और जीवनशैली में बदलाव मिलकर इस समस्या को काफी हद तक दूर कर सकते हैं।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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