नवरात्रि में नौ दिनों का उपवास: भूलकर भी न करें ये 5 गलतियां, वरना आंतों का हो जाएगा बुरा हाल

नवरात्रि व्रत में ध्यान रखने वाली बातें।
Navratri Health Tips: नवरात्रि केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आत्म-संयम, शुद्धि और आस्था का भी प्रतीक है। इस दौरान बहुत से लोग पूरे नौ दिनों तक उपवास रखते हैं, जिससे शरीर को डिटॉक्स करने और मानसिक शांति प्राप्त करने का मौका मिलता है। व्रत के दौरान हल्का, सात्विक और पौष्टिक भोजन किया जाता है, जिससे शरीर को जरूरी पोषण मिल सके और पाचन तंत्र को आराम मिले। लेकिन अक्सर लोग व्रत को सही तरीके से नहीं करते, जिससे फायदे की बजाय नुकसान होने लगता है।
अगर उपवास के दौरान खानपान और दिनचर्या में ज़रा सी भी लापरवाही हो जाए, तो यह सीधे आपकी आंतों को प्रभावित कर सकता है। पेट फूलना, कब्ज, गैस, एसिडिटी और डिहाइड्रेशन जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। जानते हैं वे आम गलतियां जो व्रत के दौरान लोग करते हैं।
व्रत के दौरान न करें 5 गलतियां
खाली पेट ज्यादा देर रहना: नवरात्रि में कुछ लोग पूरे दिन कुछ नहीं खाते और सीधे रात को भोजन करते हैं। इससे शरीर में एसिड बनने लगता है जो आंतों को नुकसान पहुंचा सकता है। लंबे समय तक भूखा रहना पाचन एंजाइम्स को डिस्टर्ब करता है और कब्ज की समस्या बढ़ा देता है।
तली-भुनी चीजों का ज्यादा सेवन: व्रत के दौरान समा के चावल के पकोड़े, आलू चिप्स या सिंघाड़े के आटे की पूरी खाना आम है। लेकिन इन तली हुई चीज़ों का ज्यादा सेवन आपकी आंतों को भारी कर देता है और गैस, अपच और पेट दर्द की वजह बन सकता है।
फाइबर और लिक्विड की कमी: व्रत के खाने में फाइबर और लिक्विड का सेवन कम हो जाता है, जिससे मल त्याग में रुकावट आ सकती है। कोशिश करें कि आप फल, नारियल पानी, छाछ और नींबू पानी जैसे तरल पदार्थों का भरपूर सेवन करें। इससे आंतें हाइड्रेटेड और एक्टिव बनी रहेंगी।
एक साथ ज्यादा खाना: पूरा दिन भूखे रहने के बाद कुछ लोग एक बार में बहुत सारा खाना खा लेते हैं। इससे आंतों पर अचानक दबाव बढ़ जाता है, और पाचन क्रिया बिगड़ जाती है। बेहतर है कि दिन में 3-4 बार छोटे-छोटे मील लें।
नींद और आराम को नज़रअंदाज़ करना: उपवास सिर्फ शरीर का ही नहीं, दिमाग का भी रेस्ट टाइम है। अगर आप पर्याप्त नींद नहीं ले रहे या लगातार काम कर रहे हैं, तो शरीर थक जाता है और पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ता है। पर्याप्त नींद, योग और प्राणायाम से पाचन सही रहता है।
(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)
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