मेनोपॉज: 10 बड़े मिथक और उनके तथ्य | जानें सही सच्चाई, टूटेगा भ्रम

menopause mean only hot flashes? Is its treatment only hormone therapy? Read myths and facts
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मेनोपॉज मिथक बनाम तथ्य: एक्सपर्ट की रिसर्च से जानें असली सच्चाई

मेनोपॉज 45-55 की उम्र में शुरू होता है, लेकिन इससे जुड़े कई मिथक महिलाओं को भ्रमित करते हैं। जानें एक्सपर्ट रेबेका थर्स्टन से असली तथ्य।

मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक चरण है, जो आमतौर पर 45-55 वर्ष की उम्र के बीच शुरू होता है। इस दौरान कई शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं, लेकिन इससे जुड़े कई मिथक (myths) महिलाओं को भ्रमित कर सकते हैं।

पिट्सबर्ग यूनिवर्सिटी (अमेरिका) की साइकोलॉजी प्रोफेसर और महिला स्वास्थ्य अनुसंधान की सहायक डीन, रेबेका थर्स्टन कहती हैं कि मेनोपॉज को लेकर फैली धारणाओं में से कई पूरी तरह आधारहीन हैं। उनके साथ-साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय शोध भी बताते हैं कि मेनोपॉज को डर की नज़र से नहीं बल्कि सही जानकारी और समझदारी से अपनाना चाहिए।

आइए जानते हैं किन मिथ्स में सच्चाई छिपी है और किन्हें अब तोड़ने का समय आ गया है।

मिथक 1: मेनोपॉज का एकमात्र लक्षण हॉट फ्लैश है

तथ्य: हॉट फ्लैश (रात में पसीना या गर्मी की लहर) मेनोपॉज का प्रमुख लक्षण है, जो 80% महिलाओं को प्रभावित करता है। हालांकि, इसके अलावा नींद की कमी, मूड स्विंग्स, ब्रेन फॉग, योनि का सूखापन, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द, और थकान जैसे लक्षण भी आम हैं। ये सभी लक्षण शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में कमी के कारण होते हैं।

मिथक 2: हॉट फ्लैश कुछ महीनों तक ही रहते हैं

तथ्य: हॉट फ्लैश औसतन सात साल तक रह सकते हैं, और कुछ महिलाओं में यह 10 साल या उससे अधिक समय तक रह सकते हैं। नाइट स्वेट्स नींद को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे एकाग्रता और स्मृति पर असर पड़ता है। हर महिला में लक्षणों की तीव्रता और अवधि अलग हो सकती है।

मिथक 3: मेनोपॉज हमेशा नकारात्मक अनुभव है

तथ्य: मेनोपॉज के लक्षण परेशान कर सकते हैं, लेकिन यह हर महिला के लिए नकारात्मक नहीं होता। कई महिलाएं इस चरण को सकारात्मक और आत्मविश्वास बढ़ाने वाला मानती हैं। मेनोपॉज के बाद कई महिलाएं स्वतंत्रता और आत्म-विश्वास का अनुभव करती हैं।

मिथक 4: मेनोपॉज केवल शारीरिक लक्षणों तक सीमित है

तथ्य: मेनोपॉज का प्रभाव मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। रेबेका थर्स्टन के शोध के अनुसार, हॉट फ्लैश और नींद की कमी से संज्ञानात्मक समस्याएं (जैसे भूलने की बीमारी) बढ़ सकती हैं। मूड स्विंग्स और चिंता भी आम हैं।

मिथक 5: मेनोपॉज हृदय स्वास्थ्य को प्रभावित नहीं करता

तथ्य: मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन की कमी से धमनियां सख्त हो सकती हैं और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ सकता है, जिससे हृदय रोग का खतरा बढ़ता है। बार-बार या गंभीर हॉट फ्लैश वाली महिलाओं में यह जोखिम अधिक होता है। नियमित ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूरी है।

मिथक 6: योनि का सूखापन केवल सेक्स लाइफ को प्रभावित करता है

तथ्य: योनि का सूखापन मेनोपॉज में आम है और यह न केवल सेक्स लाइफ को प्रभावित करता है, बल्कि मूत्र मार्ग के संक्रमण (UTI) का जोखिम भी बढ़ाता है। एस्ट्रोजन की कमी से योनि और मूत्र मार्ग के ऊतक पतले हो जाते हैं, जिससे असुविधा और स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

मिथक 7: मेनोपॉज का हड्डियों की सेहत से कोई संबंध नहीं

तथ्य: मेनोपॉज के बाद एस्ट्रोजन की कमी से हड्डियों की घनत्व (bone density) कम हो सकती है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है। विशेषज्ञ नियमित बोन डेंसिटी टेस्ट, कैल्शियम, विटामिन डी का सेवन और व्यायाम की सलाह देते हैं।

मिथक 8: मेनोपॉज सभी महिलाओं के लिए एक जैसा होता है

तथ्य: मेनोपॉज का अनुभव हर महिला के लिए अलग होता है। लक्षणों की तीव्रता, अवधि और प्रभाव जीवनशैली, स्वास्थ्य स्थिति और आनुवंशिक कारकों पर निर्भर करते हैं।

मिथक 9: मेनोपॉज के बाद स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत नहीं

तथ्य: मेनोपॉज के बाद स्वास्थ्य देखभाल और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हृदय रोग, ऑस्टियोपोरोसिस और उम्र से जुड़े अन्य जोखिम बढ़ जाते हैं। नियमित स्वास्थ्य जांच, स्वस्थ आहार, व्यायाम और तनाव प्रबंधन जरूरी है।

मिथक 10: मेनोपॉज का एकमात्र इलाज हार्मोन थेरेपी है

तथ्य: हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में प्रभावी हो सकती है, लेकिन यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं। अन्य विकल्पों में स्वस्थ आहार, नियमित व्यायाम, ध्यान, गैर-हार्मोनल दवाएं और योनि मॉइस्चराइजर शामिल हैं।

मेनोपॉज को कैसे प्रबंधित करें?

  • स्वस्थ आहार: कैल्शियम और विटामिन डी युक्त भोजन लें।
  • व्यायाम: हड्डियों और हृदय स्वास्थ्य के लिए नियमित व्यायाम करें।
  • नियमित जांच: ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल और बोन डेंसिटी की जांच कराएं।
  • तनाव प्रबंधन: योग और ध्यान तनाव और मूड स्विंग्स को कम करने में मदद करते हैं।
  • डॉक्टर से सलाह: लक्षणों के आधार पर उपचार विकल्पों पर चर्चा करें।

परेशानी में डॉक्टर से संपर्क करें

मेनोपॉज एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे सही जानकारी और देखभाल के साथ सकारात्मक तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है। मिथकों को दूर करके और तथ्यों को समझकर महिलाएं इस चरण को आत्मविश्वास और स्वस्थ तरीके से जी सकती हैं। यदि आपको मेनोपॉज से जुड़े लक्षणों में परेशानी हो रही है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें और व्यक्तिगत उपचार योजना बनाएं।

नोट: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए चिकित्सक से परामर्श लें।

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