Lota vs Gilass: लोटा या गिलास... किसमें पानी पीना है फायदेमंद? जानें किस बर्तन में रखना चाहिए पानी

लोटे में पानी रखने से उसका सरफेस टेंशन कम हो जाता है।
Lota vs Gilass: पानी हमारे जीवन का आधार है। यह न सिर्फ प्यास बुझाता है, बल्कि शरीर को ऊर्जा देता है, अंगों को सक्रिय रखता है और रोगों से बचाने में भी मदद करता है। परंतु यह जानना जरूरी है कि पानी को किस बर्तन में रखा गया है और कैसे पिया जा रहा है, इसका हमारे स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है।
किस बर्तन में रखें पानी?
आयुर्वेद और पुराने ग्रंथों के अनुसार, चांदी, तांबा, कांसा और पीतल जैसे धातुओं के बर्तन में रखा गया पानी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। ये धातुएं पानी में सकारात्मक ऊर्जा भर देती हैं, जो शरीर को मजबूत बनाती हैं।वहीं, प्लास्टिक, स्टील या लोहे के बर्तनों में पानी पीने से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इनमें रखे पानी के गुण बदल जाते हैं और वह शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है।
Lota vs Gilass: स्वास्थ्य के लिए कौन बेहतर?
पुराने समय में लोग लोटे से पानी पीते थे, क्योंकि उसका गोल आकार शरीर के लिए अधिक लाभकारी माना गया है। इसके पीछे वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक कारण भी हैं। जैसे-
- गोल आकार पानी को संतुलित ऊर्जा देता है।
- इसमें रखा पानी कम सरफेस टेंशन वाला होता है, जो आंतों की बेहतर सफाई करता है।
- कम सरफेस टेंशन वाला पानी शरीर में जल्दी अवशोषित होता है और पेट को स्वस्थ रखता है।
- गिलास, जो एक सीधे और सिलेंडर जैसे आकार का होता है, प्राकृतिक दृष्टि से उतना उपयुक्त नहीं माना जाता। इसका प्रचलन भारत में पुर्तगालियों के आगमन के बाद शुरू हुआ था।
Lota vs Gilass: गोल आकार का महत्व
- कुएं और कमंडल, दोनों का आकार गोल होता है।
- गोल सतह का सरफेस एरिया कम होता है, जिससे उसमें रखा पानी ज्यादा तनावमुक्त और शरीर के लिए अनुकूल बनता है।
- यही कारण है कि गोल आकार वाली चीजें, जैसे बारिश की बूंदें या लोटे का पानी, प्राकृतिक और शरीर के करीब मानी जाती हैं।
Lota vs Gilass: स्वास्थ्य लाभ
- लोटे से पानी पीने की आदत से आप पाचन तंत्र को मजबूत बना सकते हैं।
- आंतों की सफाई बेहतर कर सकते हैं।
- भगंदर, बवासीर व सूजन जैसी परेशानियों से बचे रह सकते हैं।
- यह आदत न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार लाती है, बल्कि आपको प्राकृतिक जीवनशैली के करीब भी ले जाती है।
Lota vs Gilass: निष्कर्ष
पानी सिर्फ जीवन नहीं देता, बल्कि जीवन की दिशा भी तय करता है। अगर आप पानी को सही बर्तन में रखें और लोटे जैसी पारंपरिक विधियों से पिएं, तो यह एक सरल लेकिन शक्तिशाली आदत बन सकती है, जो आपको दीर्घकालिक स्वास्थ्य और संतुलन की ओर ले जाती है।
'जैसा पानी, वैसा परिणाम।' ...इसलिए सही बर्तन, सही तरीका और सही सोच के साथ पानी पीना शुरू करें।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ/डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)