Air Pollution: मौसम बदलने पर प्रदूषण से खुद को कैसे बचाएं, जानिए एक्सपर्ट की राय

प्रदूषित हवा का कहर
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हवा में जहर, खुद को कैसे बचाकर रखें (Image: Grok)

Air Pollution: मौसम बदलते ही प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन जाता है। जानिए विशेषज्ञ की राय और आसान उपाय, जिनसे आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

Air Pollution: सुबह की ठंडी हवा अब उतनी ताजगी नहीं देती जितनी पहले देती थी। जैसे ही मौसम करवट लेता है, हवा में घुलने लगता है जहर, धूल, धुआं, और रासायनिक कणों का ऐसा मिश्रण जो न केवल सांस लेने में तकलीफ़ देता है, बल्कि धीरे-धीरे शरीर के हर हिस्से को प्रभावित करता है। मौसम का यह बदलाव अपने साथ लाता है प्रदूषण का कहर, जो बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक सभी को अपनी चपेट में ले लेता है।

AIIMS के प्रसिद्ध पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र गुलेरिया का कहना है कि, मौसम बदलने के दौरान वायु प्रदूषण का असर सबसे पहले हमारे फेफड़ों पर पड़ता है। यह सिर्फ सांस की तकलीफ या खांसी तक सीमित नहीं रहता, बल्कि लंबे समय में यह दमा, ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों की कार्यक्षमता को भी प्रभावित कर सकता है। जिन लोगों को पहले से सांस से जुड़ी बीमारियां हैं, उन्हें इस दौरान विशेष सावधानी रखनी चाहिए।

WHO ने चेतावनी दी है कि प्रदूषण सिर्फ फेफड़ों को नहीं, बल्कि दिल, दिमाग, गर्भस्थ शिशु, और प्रतिरक्षा प्रणाली को भी प्रभावित करता है। बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए यह खतरा और भी गंभीर हो सकता है। WHO के अनुसार, अगर समय रहते ठोस नीतियां लागू की जाएं, तो 2040 तक प्रदूषण से होने वाली स्वास्थ्य क्षति को 50 प्रतिशत तक घटाया जा सकता है।

https://www.who.int/news/item/28-03-2025-second-who-global-conference-on-air-pollution-and-health-concludes-with-powerful-commitments-to-protect-public-health?


सुबह की सैर से पहले सोचें दो बार

सर्दियों या मौसम बदलने के समय सुबह की हवा ताज़ा नहीं बल्कि प्रदूषित हो सकती है। इस समय हवा में कण (धूल और धुआं) ज़्यादा घुले होते हैं। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि सुबह बहुत जल्दी बाहर निकलने से बचें, खासकर जब हवा में धुंध (स्मॉग) दिखाई दे रही हो।

  • सूरज निकलने के बाद ही बाहर निकलें।
  • घर के अंदर योग या हल्की एक्सरसाइज़ करें।
  • अगर बाहर जाना जरूरी हो तो रूमाल या मास्क से नाक ढकें।

घर को बनाए प्रदूषण-मुक्त

बाहर की हवा को आप नहीं रोक सकते, लेकिन घर की हवा को शुद्ध रखना आपके हाथ में है। मौसम बदलने पर घरों में धूल, धुआं और प्रदूषण के कण जमा हो जाते हैं जो सांस संबंधी बीमारियां बढ़ा सकते हैं।

  • हफ्ते में कम से कम दो बार घर की अच्छी तरह सफाई करें।
  • खिड़कियां सुबह के समय थोड़ी देर के लिए खोलें ताकि ताज़ी हवा अंदर आए।
  • घर में तुलसी, मनी प्लांट, एलोवेरा जैसे पौधे लगाएं जो प्राकृतिक रूप से हवा को शुद्ध करते हैं।

मास्क को बनाएं आपका सुरक्षा कवच

भले ही महामारी का दौर अब पीछे छूट गया हो, लेकिन प्रदूषण के समय मास्क पहनना अब भी बेहद जरूरी है।

  • घर से बाहर निकलते समय हमेशा अच्छी गुणवत्ता वाला मास्क पहनें।
  • मास्क को बार-बार धोकर साफ रखें या समय-समय पर बदलें।

भोजन में शामिल करें प्रदूषण से लड़ने वाले तत्व

आप जो खाते हैं, वह आपके शरीर की रक्षा में बड़ी भूमिका निभाता है। प्रदूषण के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए भोजन में ऐसे तत्व शामिल करें जो फेफड़ों को मजबूत बनाएं और शरीर से विषैले तत्व निकालें।

  • गुड़, हल्दी, अदरक, शहद और नींबू को रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल करें।
  • ग्रीन टी, तुलसी चाय या अदरक का काढ़ा फेफड़ों की सफाई में मदद करता है।
  • ताजे फल और हरी सब्ज़ियों का सेवन बढ़ाएं, खासकर वे जिनमें विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में हो।

मानसिक शांति के लिए योग अपनाएं

प्रदूषण का असर सिर्फ शरीर पर नहीं, मन पर भी होता है। लगातार खराब हवा में सांस लेने से थकान, सिरदर्द और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है। योग और ध्यान इस स्थिति में बहुत मददगार हैं।

  • रोज सुबह अनुलोम-विलोम, कपालभाति और भ्रामरी प्राणायाम करें।
  • इससे फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है और शरीर में ऑक्सीजन का संचार बेहतर होता है।

बच्चों और बुज़ुर्गों का रखें ध्यान

प्रदूषण का सबसे ज़्यादा असर छोटे बच्चों और बुज़ुर्गों पर पड़ता है। उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होती है, जिससे वे जल्दी बीमार पड़ सकते हैं।

  • बच्चों को बाहर खेलने से पहले मास्क पहनाएं।
  • बुज़ुर्गों को सुबह-सुबह बाहर न निकलने दें।
  • उनके कमरे में हवा शुद्ध रखने वाले पौधे लगाएं और नियमित सफाई करें।

मौसम बदलना प्रकृति का नियम है, लेकिन हर बदलाव अपने साथ चुनौतियां भी लाता है। प्रदूषण उन्हीं में से एक है। यदि हम थोड़ी सावधानी बरतें, जीवनशैली में छोटे बदलाव करें और अपने परिवेश को स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी उठाएं, तो इस अदृश्य जहर से भी खुद को बचाया जा सकता है।

(Disclaimer): इस लेख में दी गई जानकारी सामान्य जागरूकता के उद्देश्य से दी गई है। यह किसी भी प्रकार की चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है। प्रदूषण या इससे संबंधित किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए कृपया अपने चिकित्सक या स्वास्थ्य विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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