Radish Plantation: घर पर भी उगा सकते हैं मूली, बस करना होगा यह काम, ताजी सब्जी का उठा सकेंगे मज़ा

घर में मूली उगाने का तरीका।
Radish Plantation: सर्दियों का मौसम आते ही बाजार में सफेद, कुरकुरी मूली की भरमार नजर आने लगती है। सलाद, पराठा या सब्जी मूली हर रूप में स्वाद और सेहत दोनों का खजाना है। लेकिन अगर आप सोचते हैं कि ताजी मूली सिर्फ खेतों में ही उगाई जा सकती है, तो आप गलत हैं। थोड़ी सी देखभाल और सही तरीका अपनाकर आप घर की बालकनी, टैरेस या छोटे गमले में भी मूली उगा सकते हैं और ऑर्गेनिक सब्जी का मज़ा ले सकते हैं।
घर पर उगाई गई मूली न सिर्फ केमिकल-फ्री होती है बल्कि इसका स्वाद बाजार की मूली से कहीं ज्यादा ताजा और मीठा लगता है। खास बात यह है कि मूली एक ऐसी सब्जी है जो ठंडे मौसम में बहुत जल्दी तैयार हो जाती है। जानते हैं घर में मूली उगाने के तरीके।
घर में मूली प्लांटेशन कैसे करें?
सही मिट्टी का चयन करें: मूली को हल्की, ढीली और जैविक खाद से भरपूर मिट्टी पसंद होती है। मिट्टी में थोड़ी रेत और गोबर की सड़ी खाद मिलाएं ताकि जड़ें आसानी से फैल सकें। पानी निकासी अच्छी होनी चाहिए ताकि जड़ें सड़ें नहीं।
बीज की बुवाई का सही समय: मूली ठंडे मौसम की फसल है। अक्टूबर से जनवरी के बीच इसके बीज बोने का सबसे अच्छा समय होता है। बीजों को 1 इंच गहराई पर मिट्टी में डालें और हल्का पानी दें। ध्यान रखें कि बीज बहुत पास-पास न हों, वरना मूली पतली रह जाएगी।
नियमित पानी दें: मूली को नमी पसंद है लेकिन पानी भराव से नुकसान होता है। हर 2-3 दिन में हल्का पानी दें ताकि मिट्टी नम बनी रहे। सूखी मिट्टी मूली की जड़ों को फटने पर मजबूर कर देती है, इसलिए नियमित सिंचाई बेहद जरूरी है।
धूप और देखभाल: मूली के पौधे को रोजाना कम से कम 4-5 घंटे की धूप जरूर मिले। पौधों के आसपास की खरपतवार समय-समय पर निकालते रहें। इससे पौधों को पोषक तत्व सही मात्रा में मिलेंगे और मूली मोटी व कुरकुरी बनेगी।
कटाई और उपयोग: बीज बोने के लगभग 30-40 दिन बाद मूली तोड़ने के लिए तैयार हो जाती है। जब पत्ते पूरी तरह हरे और मजबूत दिखें, तब हल्के हाथों से मूली निकालें। इसे सलाद, पराठा या जूस के रूप में खाया जा सकता है — यह डाइजेशन के लिए भी बहुत फायदेमंद है।
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