Lemon Plantation: हर दिन टोकनी भरकर मिलेंगे नींबू, घर में प्लांट लगाकर इस तरह करें देखभाल

नींबू का पौधा लगाने और देखभाल के टिप्स। (Image-AI)
Lemon Plantation: गर्मी हो या विंटर सीजन, नींबू का इस्तेमाल रसोई में लगभग रोज़ किया जाता है। लेकिन नींबू बाजार से खरीदने पर कभी सस्ता तो कभी बहुत महंगा मिलता है। हर बार बाजार से नींबू खरीदना झंझट भरा भी हो सकता है। ऐसे में अगर आपके घर में खुद का नींबू का पौधा हो, जो हर दिन टोकनी भरकर नींबू दे, तो सोने पर सुहागा वाली बात होगी। बता दें कि नींबू का पौधा लगाने और देखभाल करने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती, बस कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना होता है।
नींबू का प्लांटेशन घर के गार्डन में या फिर छत पर कर सकते हैं। ये पेड़ कांटे वाला होता है, ऐसे में इसे लगाने के लिए पर्याप्त जगह जरूरी है। जानते हैं घर में नींबू का पौधा लगाने और देखभाल के टिप्स।
नींबू का पौधा कब और कैसे लगाएं?
नींबू का पौधा वैसे तो गर्मियों की शुरुआत में लगाना सबसे अच्छा रहता है। इसे बीज से भी उगाया जा सकता है, लेकिन पौधशाला से तैयार पौधा लेकर आप इसे मानसून में भी प्लांट कर सकते हैं। इसके लिए 15 से 18 इंच का गमला या ड्रम सही हो सकता है। जमीन पर सीधा लगाने से पौधा तेजी से बढ़ता है।
मिट्टी का सही मिश्रण बनाएं
नींबू के पौधे के लिए हल्की और जलनिकासी वाली मिट्टी देना ज़रूरी है। आप पचास फीसदी बागवानी मिट्टी, पच्चीस फीसदी नदी की रेत और पच्चीस फीसदी गोबर की खाद मिलाकर मटेरियल तैयार करें और फिर उपयोग करें। मिट्टी में नीम खली या बोन मील मिलाने से पौधा जल्दी बढ़ता है।
भरपूर धूप और सही तापमान दें
नींबू के पौधे को रोज कम से कम 6 घंटे की सीधी धूप मिलना अच्छा रहता है, इससे ये तेजी से बढ़ता है। इसे बालकनी, छत या खिड़की के पास रखें जहां धूप भरपूर आए। ठंडी हवा या ज्यादा छांव वाले स्थान पर फल आने में देर हो सकती है।
नियमित रूप से खाद और पानी दें
पौधे की अच्छी ग्रोथ के लिए इसे हर 15 दिन में तरल खाद या पोटाश युक्त फर्टिलाइजर दें। नींबू के फल आने के समय मिट्टी में नमी बनी रहनी चाहिए लेकिन पानी रुकना नहीं चाहिए। गर्मी में हर दूसरे दिन पानी दें और मानसून और सर्दियों में जरूरत के अनुसार।
कीड़ों से सुरक्षा
पत्तियों पर अगर कीड़े- मकोड़े या काले धब्बे दिखें तो नीम का तेल या घरेलू कीटनाशक छिड़कें। पौधे की नियमित कटाई-छंटाई करें ताकि नई ब्रांचेस निकलें और फल भी ज़्यादा आएं।
