Gulmohar Plantation: घर की बगिया में लगाएं गुलमोहर का पौधा, सही देखभाल से फूलों से भरेगा गार्डन

गुलमोहर का पौधा लगाने के टिप्स।
Gulmohar Plantation: गर्मियों में जब आसमान नीला और धरती सूनी सी लगती है, तब गुलमोहर अपने चटख लाल-नारंगी फूलों से नज़ारा ही बदल देता है। इसकी खूबसूरती इतनी खास होती है कि इसे 'फ्लेम ट्री' भी कहा जाता है। आमतौर पर इसे सड़कों या पार्कों में देखा जाता है, लेकिन अगर आपके पास थोड़ी सी भी जगह है छत, आंगन या बग़ीचा को आप गुलमोहर का पौधा घर पर भी लगा सकते हैं। यह न सिर्फ आपके घर को सुंदर बनाता है, बल्कि वातावरण को ठंडक और ताजगी भी देता है।
गुलमोहर का पौधा लगाने के लिए थोड़ी सी योजना और सही देखभाल की ज़रूरत होती है। यह पौधा तेज़ धूप में पनपता है और ज़्यादा पानी या छांव से नुकसान भी हो सकता है। इसकी लंबी उम्र, घना छांव और गर्मी में खिलने वाले शोख फूल इसे हर मौसम में खास बना देते हैं। आइए जानते हैं गुलमोहर का पौधा घर में कैसे लगाएं और उसकी देखभाल कैसे करें।
गुलमोहर लगाने का सही समय और स्थान
गुलमोहर गर्मियों का पेड़ है, इसलिए इसे लगाने का सबसे अच्छा समय फरवरी से अप्रैल के बीच होता है। इसे ऐसी जगह लगाएं जहां दिनभर तेज धूप मिल सके। अगर आप इसे गमले में लगाना चाहते हैं, तो बड़ा गमला लें, क्योंकि इसकी जड़ें फैलती हैं और पौधा तेजी से बढ़ता है।
मिट्टी और पानी की ज़रूरत
गुलमोहर को हल्की, रेतीली और अच्छी ड्रेनेज वाली मिट्टी पसंद है। भारी और पानी रोकने वाली मिट्टी से इसकी जड़ें सड़ सकती हैं। इसे हफ्ते में 2-3 बार ही पानी दें, खासकर तब जब मिट्टी सूखी हो। बरसात में ध्यान रखें कि पानी गमले या गड्ढे में जमा न हो।
बीज से पौधा तैयार करना
गुलमोहर के बीज को लगाने से पहले 24 घंटे पानी में भिगो दें। फिर इन्हें 1-2 इंच गहराई में मिट्टी में दबा दें। 7-10 दिन में अंकुर निकलने लगेंगे। बीज से पौधा तैयार होने में थोड़ा समय लगता है, लेकिन यह तरीका प्राकृतिक और सस्ता होता है।
कटाई-छंटाई और देखभाल
गुलमोहर को आकार देने के लिए उसकी शाखाओं की समय-समय पर छंटाई करें। सूखी और बीमार टहनियों को हटा दें। इसमें ज्यादा खाद की जरूरत नहीं होती, लेकिन साल में एक बार गोबर खाद या जैविक खाद देने से पौधा अच्छा बढ़ता है और फूल अधिक आते हैं।
कीट और रोगों से सुरक्षा
गुलमोहर आमतौर पर कीटों से सुरक्षित रहता है, लेकिन कभी-कभी पत्तियों पर कीड़े लग सकते हैं। इसके लिए नीम का तेल या घरेलू कीटनाशक उपयोग करें।