Guava Plantation: घर के गार्डन में फलदार पेड़ चाहते हैं तो लगाएं अमरूद, जानें प्लांटेशन और देखभाल का तरीका

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घर में अमरूद का पौधा लगाने और देखभाल के टिप्स।

Guava Plantation: घर में अगर फलदार पेड़ हो तो इसका अलग ही आनंद होता है। आप चाहें तो अमरूद का पौधा लगाकर उससे भविष्य में फल हासिल कर सकते हैं।

Guava Plantation: अमरूद एक ऐसा फल है जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। इसमें विटामिन C, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो पाचन से लेकर रोग प्रतिरोधक क्षमता तक को बेहतर बनाते हैं। अगर आपके पास घर में थोड़ी सी जगह है, तो आप आसानी से अमरूद का पेड़ उगा सकते हैं और ताजे, रसायन-मुक्त फल का आनंद ले सकते हैं।

अमरूद का पौधा लगाने और उसकी देखभाल करना अन्य फलों की तुलना में बहुत आसान होता है। यह कम देखभाल में भी अच्छी पैदावार देता है और लगभग पूरे साल फल देने की क्षमता रखता है। यहां हम आपको बताएंगे कि घर में अमरूद का पेड़ कैसे लगाएं और उसकी सही तरीके से देखभाल कैसे करें।

अमरूद का पौधा लगाने की सही विधि

सही किस्म का चुनाव करें

घर में लगाने के लिए "लखनऊ-49", "इलाहाबादी सफेदा" या "ताईवान पिंक" जैसी हाइब्रिड किस्में उपयुक्त रहती हैं। ये किस्में जल्दी फल देती हैं और कम जगह में भी अच्छी तरह विकसित हो जाती हैं।

मिट्टी और स्थान का चयन

अमरूद की खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी में पानी रुकना नहीं चाहिए, वरना जड़ें सड़ सकती हैं। गमले या ग्रो बैग में भी आप इसे उगा सकते हैं। ध्यान दें कि पौधे को कम से कम 6 घंटे की सीधी धूप मिले, तभी यह अच्छे से बढ़ेगा।

रोपाई का तरीका

पौधे को लगाने से पहले गड्ढा या गमला लगभग 1.5 फीट गहरा और चौड़ा बनाएं। उसमें 50% बगीचे की मिट्टी, 30% गोबर की खाद और 20% रेत या कोकोपीट मिलाएं। पौधे को ध्यान से लगाएं और उसके चारों ओर मिट्टी अच्छी तरह दबा दें। फिर हल्का पानी दें।

अमरूद के पेड़ की देखभाल के टिप्स

नियमित सिंचाई

गर्मियों में हफ्ते में दो से तीन बार पानी दें, जबकि सर्दियों में सप्ताह में एक बार पर्याप्त होता है। बहुत अधिक पानी देने से जड़ों में सड़न आ सकती है।

खाद और पोषण

हर 30 से 45 दिन में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट डालें। फल आने से पहले 'सुपर फास्फेट' या 'नीम खली' जैसी जैविक खाद डालना फायदेमंद रहता है।

कीट और रोग नियंत्रण

अमरूद में फल मक्खी और पत्ती खाने वाले कीटों का खतरा रहता है। नीम का तेल या जैविक कीटनाशक छिड़काव करने से ये नियंत्रित किए जा सकते हैं। समय-समय पर सूखी या संक्रमित टहनियों को काट दें।

कटाई-छंटाई

हर साल पेड़ की हल्की कटाई करें ताकि नई शाखाएं निकलें और फलने की क्षमता बढ़े। यह प्रक्रिया मानसून के बाद करना सही रहता है।

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