Giloy Plantation: घर पर उगा सकते हैं इम्यूनिटी बूस्टर गिलोय, इस तरीके से करें देखभाल, तेजी से बढ़ेगी बेल

घर में गिलोय उगाने का तरीका।
Giloy Plantation: आयुर्वेद में अमृता कहे जाने वाली गिलोय (Tinospora Cordifolia) एक बहुउपयोगी औषधीय बेल है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने से लेकर बुखार, डायबिटीज, पाचन और त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में बेहद फायदेमंद मानी जाती है। खास बात यह है कि गिलोय का पौधा आप आसानी से अपने घर या बालकनी में उगा सकते हैं और इसका ताजा उपयोग कर सकते हैं।
आज के समय में जब हर कोई अपनी इम्युनिटी को लेकर सजग है, ऐसे में घर में गिलोय का पौधा होना एक प्राकृतिक उपाय के रूप में देखा जा रहा है। इसकी देखभाल आसान है और यह कम जगह में भी अच्छी तरह पनपता है। आइए जानते हैं इसे घर पर उगाने की पूरी प्रक्रिया और जरूरी सावधानियां।
गिलोय उगाने की सामग्री और स्थान का चयन
गिलोय को उगाने के लिए किसी बीज की जरूरत नहीं होती, आप इसे कटिंग यानी डंठल के एक टुकड़े से भी उगा सकते हैं। एक 6–8 इंच लंबी, हल्की मोटी और हरी डंडी लें जिसमें कम से कम दो नोड्स (गांठें) हों। इसके लिए आप पहले से लगे पौधे से कटिंग ले सकते हैं या नर्सरी से खरीद सकते हैं।
गिलोय बेल होती है, इसलिए इसे ऐसी जगह लगाएं जहां इसे चढ़ने के लिए सहारा मिल सके, जैसे दीवार, ग्रिल या लोहे की जाली। अगर बालकनी या छत पर लगाना चाहें तो गमले या ग्रो बैग का इस्तेमाल करें।
कैसे लगाएं गिलोय का पौधा?
गमला तैयार करें: गिलोय के लिए मिट्टी में गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट मिलाकर हल्की, भुरभुरी और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी तैयार करें।
कटिंग लगाएं: तैयार गमले में 2-3 इंच गहराई तक गिलोय की कटिंग को मिट्टी में लगा दें और थोड़ा पानी दें।
सूरज की रोशनी: गिलोय को आंशिक धूप (3-4 घंटे) पसंद है, इसलिए इसे ऐसी जगह रखें जहां सुबह की हल्की धूप मिलती हो।
देखभाल के आसान उपाय
पानी देना: गर्मियों में हर दूसरे दिन और सर्दियों में हफ्ते में 2 बार पानी दें। जरूरत से ज्यादा पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं।
खाद देना: हर महीने गोबर की खाद या ऑर्गेनिक खाद डालते रहें ताकि पौधे को पोषण मिलता रहे।
कटाई-छंटाई: बेल को आकार में रखने के लिए समय-समय पर ट्रिम करें। इससे नए पत्ते निकलते हैं और पौधा स्वस्थ रहता है।
घरेलू उपयोग
गिलोय की पत्तियां और डंठल का उपयोग काढ़ा, जूस या चाय बनाने में किया जाता है। सुबह खाली पेट इसका सेवन इम्युनिटी बढ़ाने में मदद करता है।
(कीर्ति)
