Brinjal Plantation: बागवानी का शौक है तो घर में उगा लें बैंगन, थोड़ी सी देखभाल से सब्जी का लगेगा ढेर

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घर में बैंगन का पौधा लगाने के टिप्स।

Brinjal Plantation: बैंगन की सब्जी खासी लोकप्रिय है। आप अगर ताजे बैंगन का लुत्फ लेना चाहते हैं तो घर में आसानी से बैंगन को उगाया जा सकता है।

Brinjal Plantation: बैंगन एक लोकप्रिय और पोषक तत्वों से भरपूर सब्ज़ी है, जो भारतीय थाली में अनेक रूपों में शामिल की जाती है। चाहे भरता हो, सब्जी या फिर करी इसकी मांग साल भर बनी रहती है। अगर आप बागवानी में रुचि रखते हैं और घर पर जैविक व ताज़ी सब्ज़ी उगाना चाहते हैं, तो बैंगन एक शानदार विकल्प है। इसे आप घर की बालकनी, छत या छोटे गार्डन में आसानी से उगा सकते हैं।

बैंगन का पौधा खास देखभाल और धूप की मांग करता है, लेकिन थोड़े से प्रयास और नियमित निगरानी से आप अपने घर पर ही पौष्टिक और कीटनाशक-रहित बैंगन उगा सकते हैं। इसकी खेती बीज से करना आसान है और अगर मौसम अनुकूल हो तो 60–70 दिन में फल देना शुरू कर देता है।

घर में बैंगन प्लांटेशन के टिप्स

बैंगन उगाने का सही समय

बैंगन गर्म जलवायु की सब्ज़ी है, इसलिए इसे फरवरी से अप्रैल या जुलाई से सितंबर के बीच बोया जा सकता है। इसे उगाने के लिए तापमान 25°C से 35°C के बीच उपयुक्त होता है। ठंड या पाले से पौधे को नुकसान पहुंच सकता है।

बीज का चयन और अंकुरण

अच्छे किस्म के बैंगन के बीज (जैसे लंबा बैंगन, गोल बैंगन या हाइब्रिड) किसी विश्वसनीय नर्सरी या ऑनलाइन स्रोत से लें। बीजों को बुवाई से पहले कुछ घंटों के लिए गुनगुने पानी में भिगो दें ताकि अंकुरण तेज हो सके। बीजों को गमले में या नर्सरी ट्रे में 1 से 1.5 सेमी गहराई पर बोएं और नमी बनाए रखें। अंकुरण में 7–10 दिन लग सकते हैं।

गमले और मिट्टी की तैयारी

बैंगन के लिए 12–15 इंच गहरा और चौड़ा गमला या ग्रो बैग उपयुक्त होता है। मिट्टी अच्छी जलनिकासी वाली, भुरभुरी और जैविक खाद (गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट) से भरपूर होनी चाहिए। मिट्टी में 60% बागवानी मिट्टी, 20% गोबर की खाद और 20% रेत मिलाएं।

पौधे की देखभाल और खाद

अंकुर मजबूत हो जाएं (4–5 पत्ते आ जाएं) तो उन्हें गमले में स्थानांतरित करें। हर 15 दिन में जैविक खाद दें और नियमित रूप से नमी बनाए रखें। बैंगन को रोज़ाना 5–6 घंटे धूप मिलनी चाहिए। फूल आते ही पौधे को हल्के सहारे की ज़रूरत होती है।

कीट नियंत्रण और देखभाल

बैंगन के पौधे को खासतौर पर जड़ छेदक कीट, सफेद मक्खी और थ्रिप्स से खतरा रहता है। नीम के तेल का स्प्रे सप्ताह में एक बार करें। पत्तियों को नियमित रूप से जांचें और संक्रमित पत्तियों को हटा दें।

कटाई और उपयोग

बुवाई के लगभग 60–70 दिन बाद फल आने लगते हैं। बैंगन को तब काटें जब वह चमकदार, मध्यम आकार का और सख्त हो। ज्यादा पकने पर स्वाद बिगड़ सकता है। साफ कैंची से काटें ताकि पौधे को नुकसान न हो।

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