Aparajita Plantation: होम गार्डन में लगाएं अपराजिता, इन टिप्स की मदद से फूलों से भरेगा प्लांट

अपराजिता का पौधा लगाने के टिप्स।
Aparajita Plantation: घर के गार्डन में अगर खूबसूरत और रंग-बिरंगे फूल खिले हों तो पूरे वातावरण में पॉजिटिविटी और ताजगी महसूस होती है। ऐसे ही आकर्षक और आसान देखभाल वाले पौधों में से एक है अपराजिता। यह पौधा अपने नीले, सफेद और बैंगनी फूलों की वजह से न केवल सुंदर दिखता है बल्कि धार्मिक और आयुर्वेदिक नज़रिये से भी बेहद खास माना जाता है।
अपराजिता का पौधा लगाने और उसे हरा-भरा बनाए रखना ज्यादा मुश्किल नहीं है। बस सही जगह, सही मिट्टी और थोड़ी-सी देखभाल की जरूरत होती है। अगर आप इन कुछ आसान टिप्स को अपनाएंगे तो आपका अपराजिता प्लांट फूलों से लद जाएगा और गार्डन की शोभा दोगुनी कर देगा।
अपराजिता पौधा लगाने और देखभाल के तरीके
सही मिट्टी का चुनाव: अपराजिता पौधे के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी सबसे बेहतर होती है। मिट्टी में बालू, खाद और गार्डन सॉइल का मिश्रण डालें। यह पौधा मिट्टी में ज्यादा नमी पसंद नहीं करता, इसलिए गीली मिट्टी से बचें।
धूप की ज़रूरत: यह पौधा धूप में अच्छी तरह बढ़ता है। इसे ऐसी जगह लगाएं जहां रोजाना कम से कम 5–6 घंटे धूप आती हो। हल्की छांव में भी पौधा बढ़ेगा, लेकिन ज्यादा फूल नहीं देगा।
पानी कब और कैसे दें: अपराजिता को ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती। गर्मियों में हर दूसरे दिन हल्का पानी दें और सर्दियों में सप्ताह में 2–3 बार ही पानी देना पर्याप्त है। ध्यान रखें कि गमले में पानी जमा न हो।
खाद डालने का तरीका: हर महीने गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालने से पौधा तेजी से बढ़ेगा और अधिक फूल देगा। केमिकल फर्टिलाइज़र की बजाय ऑर्गेनिक खाद का उपयोग करें, इससे पौधा लंबे समय तक हेल्दी रहता है।
बेल को सहारा दें: अपराजिता एक बेलनुमा पौधा है, इसलिए इसे बढ़ने के लिए सहारे की जरूरत होती है। गार्डन में जाली, खंभा या ट्रेलिस लगाकर बेल को ऊपर चढ़ाएं। इससे पौधा ज्यादा फूल देगा और सजावट के लिए भी आकर्षक लगेगा।
नियमित छंटाई करें: सूखी और पीली पत्तियों को समय-समय पर काटते रहें। छंटाई से पौधे में नई टहनियां निकलती हैं और ज्यादा फूल आते हैं। खासकर बरसात के बाद छंटाई करने से पौधा जल्दी रिफ्रेश हो जाता है।
कीटों से बचाव: अपराजिता पर कभी-कभी छोटे कीड़े या फंगस लग सकते हैं। इसके लिए नीम का तेल या घरेलू कीटनाशक का छिड़काव करें। इससे पौधा सुरक्षित रहेगा और फूलों की संख्या पर असर नहीं पड़ेगा।
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