बेसन गट्टे की सब्जी: राजस्थानी स्वाद दोगुना कर देगा खाने का मज़ा, सीख लें बनाने का आसान तरीका

राजस्थानी बेसन गट्टे की सब्जी बनाने का तरीका।
Besan Gatte ki Sabji: राजस्थान की रसोई में बनने वाली गट्टे की सब्जी एक पारंपरिक और बेहद लोकप्रिय व्यंजन है, जो स्वाद और मसालों की richness के लिए जानी जाती है। बेसन से बने मुलायम गट्टे और दही-मसालों की ग्रेवी का मेल इस डिश को खास बनाता है। यह सब्जी खासतौर पर तब बनाई जाती है जब घर में सब्जियां कम हों और स्वाद में कोई कमी न आने दी जाए।
गट्टे की सब्जी रोटी, पराठा, मिस्सी रोटी या यहां तक कि चावल के साथ भी परोसी जाती है। यह डिश खासकर शादियों, त्योहारों या मेहमानों के आने पर बनाई जाती है। अगर आप भी घर पर रेस्टोरेंट जैसा स्वाद चाहते हैं, तो नीचे बताई गई विधि को जरूर आज़माएं।
आवश्यक सामग्री
गट्टे बनाने के लिए:
बेसन – 1 कप
हींग – 1 चुटकी
अजवाइन – ¼ छोटा चम्मच
नमक – स्वादानुसार
हल्दी – ¼ छोटा चम्मच
लाल मिर्च – ¼ छोटा चम्मच
तेल – 1 बड़ा चम्मच
नींबू रस या दही – 1 बड़ा चम्मच
पानी – आवश्यकता अनुसार
ग्रेवी के लिए:
दही – 1 कप (फेंटा हुआ)
तेल – 2 बड़ा चम्मच
जीरा – ½ छोटा चम्मच
राई – ½ छोटा चम्मच
हींग – 1 चुटकी
हल्दी – ½ छोटा चम्मच
लाल मिर्च पाउडर – 1 छोटा चम्मच
धनिया पाउडर – 1 छोटा चम्मच
नमक – स्वादानुसार
पानी – 1 से 1.5 कप
हरा धनिया – गार्निश के लिए
गट्टे बनाने की विधि
एक बाउल में बेसन, नमक, हींग, हल्दी, लाल मिर्च, अजवाइन, तेल और नींबू रस (या दही) डालें। थोड़ा-थोड़ा पानी डालते हुए सख्त आटा गूंद लें। अब इस आटे को मोटे रोल्स (लंबी उंगलियों जैसे) में बना लें। एक पैन में पानी उबालें और गट्टों को उसमें डालकर 8–10 मिनट तक उबालें। जब गट्टे पक जाएं, तो निकालकर ठंडा करें और टुकड़ों में काट लें।
ग्रेवी बनाने की विधि
एक कड़ाही में तेल गरम करें, उसमें राई, जीरा और हींग डालें। जब मसाले चटकने लगें, तो हल्दी, लाल मिर्च और धनिया पाउडर डालें। अब फेंटा हुआ दही डालें और लगातार चलाते रहें ताकि दही फटने न पाए। दही के पकने पर स्वादानुसार नमक और थोड़ा पानी डालें। जब ग्रेवी में उबाल आ जाए, तो कटे हुए गट्टे डाल दें। मध्यम आंच पर 5–7 मिनट तक पकाएं, ताकि गट्टे मसालेदार ग्रेवी में अच्छे से घुल जाएं।
परोसने का तरीका
गट्टे की सब्जी को हरे धनिये से गार्निश करें और गरमा गरम रोटी, पराठा या जीरा राइस के साथ परोसें। यह डिश स्वाद और परंपरा दोनों का मज़ा देती है।
