Grapes Plantation: घर में भी उगा सकते हैं अंगूर की बेल, देखभाल के इन तरीकों से होगी बंपर पैदावार!

How to grow grapevine at home
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घर में अंगूर की बेल उगाने और देखभाल के टिप्स।

Grapes Plantation: घर में अंगूर की बेल को उगाना ज्यादा मुश्किल नहीं है। बस थोड़ी से देखभाल से ही काम आसान बन सकता है।

Grapes Plantation: लोग अक्सर सोचते हैं कि अंगूर की खेती सिर्फ बड़े फार्म या बगीचों में ही की जा सकती है, लेकिन सच यह है कि सही देखभाल और सही तरीके अपनाने पर अंगूर की बेल घर की छत, बालकनी या छोटे गार्डन में भी शानदार तरीके से पनप सकती है। इसकी बेल मजबूत और तेजी से फैलने वाली होती है, जो थोड़ी मेहनत में ही ढेरों फल देने की क्षमता रखती है।

अंगूर की बेल को ज्यादा खास चीजों की जरूरत नहीं होती बस सही धूप, थोड़ी छंटाई और समय-समय पर पानी देना ही इसके लिए काफी है। आइए जानें घर में अंगूर की बेल उगाने और संभालने के आसान तरीके, जिनसे आपकी पैदावार हो सकती है बंपर।

घर में अंगूर की बेल लगाने और देखभाल के टिप्स

सही किस्म का चयन बेहद जरूरी

घर में ग्रेप वाइन लगाने से पहले सही किस्म चुनना सबसे महत्वपूर्ण कदम होता है। इंडियन क्लाइमेट में 'थॉम्पसन सीडलेस', 'बैंगलोर ब्लू' और 'अनाब-ए-शाही' जैसी वैरायटीज़ घर के गमलों में तेजी से बढ़ती हैं। ये किस्में कम देखभाल में भी अच्छी ग्रोथ देती हैं और मौसम के मुताबिक आसानी से एडजस्ट हो जाती हैं।

बड़े गमले और लूज मिट्टी का इस्तेमाल करें

अंगूर की बेल की जड़ें गहरी होती हैं, इसलिए कम से कम 18–24 इंच गहरा गमला ज़रूरी है। मिट्टी हल्की, लूज और ड्रेनेज वाली होनी चाहिए। मिट्टी में 40% गार्डन सॉइल, 30% रेत और 30% कम्पोस्ट मिलाकर मिक्स तैयार करें। इससे जड़ें जल्दी फैलती हैं और बेल को शुरू से ही बेहतर पोषण मिलता है।

रोज़ नहीं, लेकिन समय पर पानी दें

अंगूर की बेल को अत्यधिक पानी पसंद नहीं होता। इसलिए पानी तभी दें जब मिट्टी की ऊपरी सतह सूख जाए। ओवरवॉटरिंग से जड़ें सड़ सकती हैं। गर्मियों में 2–3 दिन के अंतर पर और सर्दियों में 4–5 दिन के अंतर पर पानी देना बिल्कुल पर्याप्त है। थोड़ी ड्राई कंडीशन में यह बेल और अच्छे फल देती है।

बेल को सहारा और सही दिशा में बढ़ने दें

अंगूर की बेल लंबी और फैलने वाली होती है, इसलिए इसे सहारा देना बेहद जरूरी है। आप लकड़ी, तार या गार्डन ट्रेलिस का इस्तेमाल कर सकते हैं। सही दिशा में बढ़ने पर बेल अधिक पत्तियां बनाती है, जिससे फलों का विकास तेज होता है। बेल को शुरुआत से ही ट्रेनिंग देने से उसकी प्रोडक्टिविटी काफी बढ़ जाती है।

समय-समय पर छंटाई से बढ़ती है पैदावार

अंगूर की बेल में नई टहनियों से ही फल लगते हैं, इसलिए छंटाई (प्रूनिंग) बेहद जरूरी है। सर्दियों की शुरुआत में पुरानी, सूखी और उलझी टहनियों को काट दें। इससे नई कोपलें तेजी से निकलती हैं और अगली सीजन में फल ज्यादा आते हैं। साथ ही, हर 30–40 दिन में हल्का जैविक खाद देना भी फलन को दोगुना कर देता है।

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