cancer risk: अगर आप बिस्तर पर जाने के बाद करते हैं ये काम, तो कैंसर को दे रहे न्योता!

अगर आप बिस्तर पर जाने के बाद करते हैं ये काम, तो कैंसर को दे रहे न्योता!
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bedtime habit cancer risk: रात में नींद की कमी और कृत्रिम रोशनी से मेलाटोनिन हार्मोन घटता है। इससे शरीर में कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ सकता है। जानें इससे बचने के लिए क्या करना चाहिए।

bedtime habit cancer risk: आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी में लोग सेहत से ज़्यादा काम और स्क्रीन पर वक्त बिताने को अहम मानने लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देर तक जागना, मोबाइल और लैपटॉप की रोशनी में डूबे रहना आपके शरीर के लिए कितना खतरनाक हो सकता है? रिसर्च कहती है कि नींद की कमी और रात में कृत्रिम रोशनी के संपर्क में रहना कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है।

हमारा शरीर 24 घंटे के साइकिल पर चलता है, जिसे सर्केडियन रिद्म कहा जाता है। ये घड़ी तय करती है कि कब हमें नींद आए, कब हार्मोन रिलीज़ हों और कब शरीर आराम करे। जब रात में हम तेज़ लाइट या मोबाइल की ब्लू लाइट के संपर्क में रहते हैं, तो ये घड़ी गड़बड़ा जाती है। नतीजा- नींद खराब और शरीर में जरूरी हार्मोन मेलाटोनिन कम बनता है।

मेलाटोनिन और कैंसर का कनेक्शन

मेलाटोनिन सिर्फ नींद नहीं लाता, ये शरीर में ट्यूमर बनने से भी रोकता है। जब हम रात में स्क्रीन या तेज़ लाइट में रहते हैं, तो मेलाटोनिन का स्तर गिरता है। इससे शरीर में कैंसर बढ़ने का खतरा कई गुना बढ़ सकता है।

एक रिसर्च के मुताबिक, विकसित देशों में जहां रात में रोशनी का इस्तेमाल ज़्यादा होता है, वहां स्तन कैंसर का खतरा पांच गुना तक ज़्यादा पाया गया। एक और स्टडी (2021) में पाया गया कि रात में कृत्रिम रोशनी से थायरॉयड कैंसर का रिस्क भी बढ़ जाता है।

रात की शिफ्ट वालों से लेकर स्क्रीन देखने वालों तक सबको खतरा

जो लोग नाइट शिफ्ट में काम करते हैं, वे तो इस खतरे के सीधे शिकार हैं। लेकिन जो लोग सिर्फ मनोरंजन या सोशल मीडिया के लिए रात देर तक जागते हैं, उनका रिस्क भी कम नहीं। नींद में लगातार रुकावट और शरीर की घड़ी का बिगड़ना, ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और कोलन कैंसर जैसी बीमारियों को जन्म दे सकता है।

क्या करें बचाव के लिए?

  • सोने से 2 घंटे पहले स्क्रीन देखना बंद कर दें
  • कमरे की लाइट्स डिम करें
  • रोज़ एक ही समय पर सोने और उठने की आदत डालें
  • मोबाइल और लैपटॉप पर नाइट मोड का इस्तेमाल करें
  • सुकून भरा माहौल बनाएं—कम रोशनी और बिना शोर वाला

कैंसर से बचाव सिर्फ खाने-पीने से नहीं, बल्कि अच्छी नींद और सही आदतों से भी होता है। अपनी रातों की आदतों को बदलें और सेहतमंद नींद को अपनाएं।

(प्रियंका कुमारी)

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