Rose Facts: गुलाब क्यों कहलाता है फूलों का राजा? जानें इतिहास, किस्में और रोचक तथ्य

Why is the rose called the king of flowers? gulab ka history, varieties, and interesting facts.
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गुलाब क्यों कहलाता है फूलों का राजा? जानें इतिहास, किस्में और रोचक तथ्य

गुलाब को फूलों का राजा क्यों कहा जाता है? जानें इसका करोड़ों साल पुराना इतिहास, हजारों किस्में, जूलियट गुलाब जैसी महंगी प्रजातियां, खाने-सेहत में उपयोग और अलग-अलग रंगों के मायने।

लेखक: अंजू जैन। गुलाब फूल गुलाब को यूं ही "फूलों का राजा" नहीं कहा जाता। चाहे पूजा-पाठ हो, प्रेम का इजहार करना हो या फिर इत्र और सजावट का काम हो- गुलाब हर जगह अपनी अलग पहचान बनाए हुए है। हर साल 22 सितंबर को विश्व गुलाब दिवस मनाया जाता है और इस मौके पर जानिए गुलाब से जुड़ी वे रोचक बातें, जिनके कारण यह फूल न सिर्फ दुनिया का सबसे लोकप्रिय फूल माना जाता है, बल्कि कला, साहित्य और जीवन के हर रंग में अपनी खुशबू बिखेरता रहा है।

करोड़ों साल पुराना है गुलाब का इतिहास

गुलाब सबसे पुराने फूलों में से एक है। सदियों से साहित्य और कला में गुलाब का जिक्र होता रहा है। पुरातत्वविदों ने 35 मिलियन (3.5 करोड़) साल पुराने गुलाब के जीवाश्म खोजे हैं। गुलाब के बारे में एक और भी आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि सबसे पुराना जीवित गुलाब 1,000 वर्ष पुराना है। यह गुलाब जर्मनी में हिल्डशाइम कैथेड्रल की दीवार पर उगता है और सदियों तक जीवित रहता है। इसे ‘हिल्डशाइम का गुलाब’ या ‘हजार साल का गुलाब’ भी कहा जाता है।

दुनिया में मौजूद हैं 30,000 से ज्यादा किस्में

आपने ज्यादातर गुलाबी, लाल, पीले गुलाब ही देखे होंगे। इसकी दुनिया में 150 से ज्यादा प्रजातियां उपलब्ध हैं। यही नहीं गुलाब की 30,000 से ज्यादा संकर किस्में हैं। लगातार इसकी नई प्रजातियां विकसित भी की जा रही हैं। इनका हिसाब रखना आसान बनाने के लिए ज्यादातर गुलाबों को कई श्रेणियों में बांटा गया है, जैसे हाइब्रिड टी रोज, ओल्ड इंग्लिश रोज, क्लाइंबिंग रोज और फ्लोरिबुंडा रोज।

हाइब्रिड टी रोज की खासियत: हाइब्रिड टी रोज गुलदस्ते के लिए सबसे लोकप्रिय प्रकार है, क्योंकि इनके लंबे तने और बड़े फूल होते हैं, जिनकी पंखुड़ियां सुंदर और स्पष्ट होती हैं। ये कई अलग-अलग रंगों में भी मिलते हैं।

खाने और सेहत दोनों में काम का फूल

गुलाब के फूलों का भोजन में भी उपयोग किया जाता है। मन खुश करने के लिए भी और तबीयत दुरुस्त करने के लिए भी। इन्हें कई अलग-अलग तरीकों से खाया जा सकता है।

आप इनकी ताजी पंखुड़ियों को सलाद पर छिड़क सकते हैं, या फिर कुछ मिठाइयों, जैम और पेय पदार्थ बनाने के लिए इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इनकी सूखी पंखुड़ियों को भिगोकर भी फूलों वाली चाय बनाई जा सकती है।

पान या शरबत में गुलकंद तो आपने चखा ही होगा। गुलकंद पेट और दिमाग को ठंडा रखता है। वो भी इसी से बनता है। गुलाब विटामिन सी और ई का भी एक बेहतरीन स्रोत है, साथ ही ये एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होते हैं।

जूलियट गुलाब: अब तक का सबसे महंगा गुलाब


गुलाब की खेती एक महंगा व्यवसाय है। एक नए प्रकार के गुलाब को उगाने, उसे निखारने में बहुत, मेहनत और धन लगता है। डेविड ऑस्टिन द्वारा विकसित किया गया ‘जूलियट गुलाब’ को पूरी तरह से तैयार करने में 15 साल का समय और लगभग 23 करोड़ रुपए की लागत आई थी। जिससे यह अब तक उगाया गया सबसे महंगा गुलाब बन गया।

साल 2006 में एक फ्लावर शो में यह लगभग 90 करोड़ रुपए में बिका था। आज जूलियट रोज की अनुमानित कीमत 130 करोड़ रुपए के आस-पास हो सकती है।

इत्र और तेल बनाने में गुलाब की अहमियत

अपने मनमोहक सुगंध के कारण गुलाब का इस्तेमाल सदियों से इत्र के निर्माण में भी किया जाता रहा है। खासतौर पर गुलाब का तेल, इत्र उद्योग का एक जरूरी घटक रहा है।

फूलों से गुलाब का तेल निकालने के लिए भारी मात्रा में गुलाबों की जरूरत होती है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि एक ग्राम गुलाब का तेल बनाने के लिए दो हजार तक गुलाब के फूलों का उपयोग होता है।

अमेरिका का राष्ट्रीय फूल है गुलाब

सन 1986 में, राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने गुलाब को संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रीय पुष्प घोषित किया था। गुलाब की विभिन्न किस्में जॉर्जिया, आयोवा, न्यूयॉर्क, नॉर्थ डकोटा और वाशिंगटन डीसी के राज्य पुष्प भी हैं।

हर रंग का गुलाब देता है अलग संदेश

अलग-अलग रंग के गुलाब का इस्तेमाल अलग-अलग अवसरों पर अलग-अलग भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। लाल गुलाब, प्यार और रोमांस का प्रतीक होता है।

गुलाबी गुलाब, शालीनता और शान का प्रतीक है तो चटक पीले गुलाब को दोस्ती और खुशी का प्रतीक माना जाता है। नारंगी गुलाब को जुनून, उत्साह और ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। सफेद गुलाब सहानुभूति का प्रतीक है। इसे पवित्रता, आध्यात्मिकता और मासूमियत का भी प्रतीक माना जाता है।

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