Foot Odor Causes: जूते खोलते ही बदबू से भर जाता है कमरा? जानिए पैरों से क्यों आती है स्मैल

पैरों से बदबू आने की वजह।
Foot Odor Causes: आपके साथ भी क्या ऐसा होता है कि जैसे ही आप जूते उतारते हैं, पूरे कमरे में पैरों की बदबू फैल जाती है? दरअसल, यह समस्या आम है, लेकिन कई बार शर्मिंदगी की वजह बन जाती है। चाहे ऑफिस हो या घर, जूते की स्मैल आपके कॉन्फिडेंस को प्रभावित कर सकती है। पैरों से आने वाली गंदी बदबू सिर्फ पसीने की वजह से नहीं होती, बल्कि इसके पीछे बैक्टीरिया, फंगल संक्रमण और हाइजीन की कमी जैसे कई कारण हो सकते हैं।
यह समस्या तब और बढ़ जाती है जब लंबे समय तक जूते पहने जाते हैं और पैरों को हवा नहीं मिलती। आइए जानते हैं कि आखिर पैरों से स्मैल क्यों आती है और इससे कैसे छुटकारा पाया जा सकता है।
पैरों से बदबू आने की वजह
बहुत ज्यादा पसीना आना: कुछ लोगों को स्वाभाविक रूप से पैरों में ज्यादा पसीना आता है। जब यह पसीना जूतों और मोज़ों में बंद रहता है, तो यह बैक्टीरिया के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाता है, जो बाद में गंदी स्मैल की वजह बनता है।
बैक्टीरिया और फंगल इन्फेक्शन: पसीने और गंदगी के मेल से बैक्टीरिया पनपते हैं जो पैरों से खराब स्मैल फैलाते हैं। कभी-कभी फंगल इन्फेक्शन, जैसे कि एथलीट्स फुट, भी स्मैल का कारण बन सकता है।
गंदे या सिंथेटिक मोज़े और जूते: अगर आप रोजाना साफ मोज़े नहीं बदलते या सिंथेटिक फैब्रिक का इस्तेमाल करते हैं, तो यह भी बदबू का बड़ा कारण हो सकता है। ऐसे जूते हवा को अंदर नहीं आने देते जिससे नमी बनी रहती है।
पर्सनल हाइजीन की कमी: अगर आप नियमित रूप से पैरों को साफ नहीं करते या उन्हें सुखाते नहीं हैं, तो यह बैक्टीरिया को पनपने के लिए और ज्यादा मौका देता है। इससे पैरों से बदबू आने लगती है।
पैरों की बदबू से छुटकारा पाने के उपाय
गुनगुने पानी और एंटीबैक्टीरियल साबुन से दिन में कम से कम एक बार पैरों को धोएं। धोने के बाद पैरों को अच्छी तरह सुखाएं, खासकर उंगलियों के बीच। एंटीबैक्टीरियल फुट पाउडर का उपयोग करें। ये पाउडर पसीना सोखते हैं और बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकते हैं।
हर दिन एक ही जूता पहनने से बचें। जूतों को सूखने का समय दें। जूते धूप में रखें क्योंकि धूप में रखने से बैक्टीरिया मरते हैं और जूते से बदबू कम होती है। जूते के इनसोल बदलें या फिर वॉशेबल इनसोल का इस्तेमाल करें।
(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी डॉक्टर/विशेषज्ञ से परामर्श जरूर लें।)
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(लेखक:कीर्ति)
