Fitness Tips: छोटे बच्चों में बढ़ता मोटापा, कहीं आपका बच्चा तो नहीं हो रहा शिकार

बच्चों में मोटापे की परेशानी कैसे करें कम (Image: Grok)
Fitness Tips: कभी वो दौर था जब बच्चे पूरे दिन गली-मोहल्ले में क्रिकेट, छुपन-छुपाई या साइकिल रेस खेलते नहीं थकते थे। लेकिन आज के बच्चे मोबाइल, टीवी और जंक फूड की दुनिया में इतना खो गया है कि उसके खेल के मैदान अब स्क्रीन तक सिमट गए हैं। यही वजह है कि देश के कई घरों में सबसे बड़ी चिंता बन चुकी है बच्चों का मोटापा।
बता दें, मोटापा अब सिर्फ बड़ों की नहीं, बल्कि बच्चों की भी गंभीर स्वास्थ्य समस्या बन चुकी है। गलत खानपान, फिजिकल एक्टिविटी की कमी और डिजिटल डिवाइसेज़ पर बढ़ती निर्भरता बच्चों के शरीर में फैट बढ़ा रही है और उनकी फिटनेस पर बुरा असर डाल रही है। अगर आप भी अपने बच्चे के वजन को लेकर थोड़ा चिंतित हैं, तो आइए जानते हैं कि आखिर क्यों बढ़ रहा है बच्चों में मोटापा और इसे कैसे रोका जा सकता है।
बचपन में मोटापा क्यों बढ़ रहा है?
आज के बच्चे पहले की तुलना में कम सक्रिय हो गए हैं। स्कूल से आने के बाद उनका समय होमवर्क, मोबाइल गेम्स या टीवी शो में बीत जाता है। बाहर खेलने या किसी शारीरिक गतिविधि में हिस्सा लेने की प्रवृत्ति घट रही है। इसके अलावा जंक फूड और शुगर युक्त ड्रिंक्स बच्चों के डेली डाइट का हिस्सा बन चुके हैं। चिप्स, बर्गर, पिज़्ज़ा और कोल्ड ड्रिंक जैसी चीजें स्वाद में भले ही अच्छी लगें, लेकिन ये शरीर में फैट बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण हैं।
बच्चों में मोटापे के संकेत
- बच्चा जल्दी थकने लगे या दौड़ने में दिक्कत महसूस करे
- कपड़े बार-बार छोटे पड़ने लगें
- खाने के तुरंत बाद भी भूख का अहसास बना रहे
- नींद में खर्राटे लेना या सांस लेने में तकलीफ
- अगर ये लक्षण दिखने लगें तो समय रहते सतर्क हो जाना जरूरी है।
मोटापे से बचाव का तरीका
- बच्चे के लिए डाइट तय करते समय संतुलन सबसे जरूरी है।
- हेल्दी और एनर्जी देने वाला होना चाहिए, जैसे- दूध, ओट्स, अंडा या फल।
- बच्चों को धीरे-धीरे घर का बना स्नैक देना सिखाएं। भुने चने, स्प्राउट्स या सूखे मेवे बेहतरीन विकल्प हैं।
- चॉकलेट, कैंडी और कोल्ड ड्रिंक को ‘कभी-कभार’ की ट्रीट तक सीमित रखें।
स्क्रीन टाइम कम करें
जानकारी के मुताबकि, बच्चे औसतन दिन में 4 से 6 घंटे तक स्क्रीन के सामने रहते हैं। इसलिए बच्चों को आउटडोर गेम्स जैसे बैडमिंटन, फुटबॉल, स्केटिंग या डांस जैसी गतिविधियों में शामिल करें। इससे न केवल उनका वजन संतुलित रहेगा ,बल्कि उनकी मानसिक सेहत भी बेहतर होगी।
परिवार के साथ फिटनेस को बनाएं मजेदार
फिटनेस को सजा नहीं, मज़ा बनाना ज़रूरी है। जब पूरा परिवार एक साथ वॉक पर जाए, योग करे या हेल्दी रेसिपी बनाए, तो बच्चा खुद मोटिवेट होता है। आप हर वीकेंड कोई “फिटनेस एक्टिविटी डे” रख सकते हैं जैसे ट्रेकिंग, साइक्लिंग या पार्क में छोटी रेस। इससे बच्चे में हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाने की आदत बनेगी।
नींद और तनाव पर ध्यान देना जरूरी
बच्चों की बॉडी तभी संतुलित रहती है जब उन्हें पर्याप्त नींद मिलती है। नींद की कमी शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा करती है, जिससे भूख बढ़ती है और वजन तेजी से बढ़ता है। इसके अलावा ज्यादा पढ़ाई या प्रतियोगिता का तनाव भी असर डाल रहा है। ऐसे में बच्चों से खुलकर बात करें, उनका मन हल्का करने में मदद करें।
बच्चे का मोटापा केवल उसकी शक्ल-सूरत का नहीं, बल्कि उसके पूरे भविष्य का सवाल है। आज अगर हम उन्हें फिटनेस की अहमियत सिखा दें तो कल वे एक स्वस्थ और आत्मविश्वासी जीवन जी सकेंगे।
(Disclaimer): ये लेख सामान्य जानकारी के लिए दिया गया है। अगर आपका बच्चा जरूरत से ज्यादा मोटा है और उसका वजन कम नहीं हो रहा तो डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है।
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