Parenting Tips: बच्चे के गुमसुम होने की वजह आप ही तो नहीं? उनके सामने कभी न करें 5 गलतियां

Reasons for child being quiet
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बच्चे के गुमसुम होने की बड़ी वजह।
Parenting Tips: कई बच्चे उम्र बढ़ने के साथ गुमसुम होते जाते हैं। पैरेंट्स इसके पीछे की वजह नहीं समझ पाते, जबकि कई बार खुद पैरेंट्स ही अनजाने में इसकी वजह बन जाते हैं।

Parenting Tips: बच्चों का नेचर और आदतें बहुत कुछ अपने पैरेंट्स जैसी होती हैं। कई बच्चे बचपन में बहुत सोशल होते हैं, लेकिन उम्र बढ़ने के साथ वे गुमसुम होते जाते हैं और सोशली कटे-कटे से रहने लगते हैं। पैरेंट्स इसके पीछे की वजह नहीं समझ पाते, हालांकि कई बार खुद पैरेंट्स ही बच्चे के इस तरह के व्यवहार की वजह बन जाते हैं। दरअसल, घर का वातावरण कई बार बच्चों को गुमसुम बना देता है।

हर बच्चा अपने पैरेंट्स के तौर तरीकों को अपनाना चाहता है। ऐसे में उनके सामने अगर माता या पिता का गलत व्यवहार हो तो यह सीधे उनकी सोच पर असर डालता है। ऐसे में बच्चों के सामने कुछ बातें भूलकर भी न करें, वरना इसके नकारात्मक नतीजे देखने को मिल सकते हैं।

बच्चों के सामने न करें 5 गलतियां

झगड़ा और चिल्लाना

बच्चों के सामने पैरेंट्स को भूलकर भी झगड़ा नहीं करना चाहिए। बच्चे जब अपने मां-बाप को झगड़ते या ऊंची आवाज में बात करते देखते हैं तो उनका कॉन्फिडेंस लूज होने लगता है। बच्चा इनसिक्योर महसूस करता है और धीरे-धीरे गुमसुम होने लगता है।

तुलना करना

कई पेरेंट्स बच्चों की तुलना उनके भाई-बहन या दोस्तों से करते हैं। ऐसा करने की गलती बिल्कुल न करें। आपकी यह आदत बच्चों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती है। लगातार तुलना से बच्चा खुद को कमतर मानने लगता है और समाज से कटने लगता है। नतीजा वह गुमसुम रहने लगता है।

मोबाइल और टीवी में बिजी रहना

माता-पिता बच्चों को समय न देकर हमेशा मोबाइल या टीवी में बिजी रहते हैं, तो बच्चे खुद को उपेक्षित महसूस कर सकते हैं। उन्हें लगता है कि उनकी बातें या भावनाएं किसी के लिए मायने नहीं रखतीं। ऐसे माहौल में बच्चा अंदर ही अंदर अकेला हो जाता है और खुलकर बात करना बंद कर देता है।

बच्चों की बात अनसुनी करना

बच्चे छोटी-छोटी बातों को भी बड़ी अहमियत देते हैं। अगर आप बार-बार उनकी बातों को अनसुना करते हैं तो वे अंदर से टूटने लगते हैं। धीरे-धीरे वे अपनी भावनाएं छिपाने लगते हैं और गुमसुम रहने की आदत डाल लेते हैं।

सख्त अनुशासन और सजा

बच्चे को जरूरत से ज्यादा डांटना या सख्त अनुशासन थोपना बच्चों को मेंटली दबाव में डाल देता है। लगातार डांट-फटकार से बच्चे डरने लगते हैं और बात कहना बंद कर देते हैं। ऐसे माहौल में वे चुपचाप रहने लगते हैं और उनके व्यक्तित्व पर नकारात्मक असर पड़ता है।

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