Baby Care Tips: 6 महीने का हो गया है बेबी? अब देखभाल में बदलाव का है वक्त! इन बातों का रखें ख्याल

how to take care of six months old baby
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छह महीने के बेबी की देखभाल के टिप्स।

Baby Care Tips: बच्चा जब 6 महीने का हो जाता है तो उसके अलग तरह के अटेंशन की जरूरत होती है। जानते हैं छह महीने के बेबी की किस तरह देखभाल की जा सकती है।

Baby Care Tips: बेबी के 6 महीने पूरे होना हर माता-पिता के लिए बेहद खास पल होता है। अब तक मां का दूध ही बच्चे की ज़रूरत पूरी करता है, लेकिन इस उम्र के बाद उसकी देखभाल और खानपान में नए बदलाव लाने का समय आ जाता है। 6 महीने का बेबी अब धीरे-धीरे बैठने, खेलने और एक्सप्लोर करने लगता है, इसलिए उसे ज्यादा पोषण और सही केयर की जरूरत होती है।

मां-बाप के लिए यह समय थोड़ा चैलेंजिंग भी होता है, क्योंकि बेबी अब ठोस आहार की तरफ बढ़ता है और उसके रूटीन में भी कई नए बदलाव आते हैं। अगर इस उम्र में सही देखभाल की जाए तो बच्चा हेल्दी और एक्टिव तरीके से ग्रोथ करता है।

बच्चे की देखभाल के टिप्स

बेबी के खाने में बदलाव: 6 महीने पूरे होने के बाद बेबी को मां के दूध के साथ-साथ सेमी-सॉलिड फूड देना शुरू करें। सबसे पहले मसला हुआ केला, सेब की प्यूरी, दाल का पानी या राइस प्यूरी जैसी चीज़ें दें। धीरे-धीरे नए फ्लेवर और टेक्सचर की आदत डालें, लेकिन एक बार में सिर्फ एक ही नया फूड दें ताकि एलर्जी की पहचान हो सके।

हाइजीन पर दें ध्यान: बेबी की इम्यूनिटी अभी पूरी तरह स्ट्रॉन्ग नहीं होती। इसलिए उसकी बोतल, बर्तन और खिलौनों को हमेशा साफ रखें। उसके कपड़े आरामदायक और कॉटन के हों, ताकि स्किन पर कोई रैशेज़ न हों।

नींद और रूटीन: 6 महीने का बेबी दिन में 2-3 बार सोता है और रात में लंबी नींद लेता है। कोशिश करें कि उसका एक स्लीप शेड्यूल फिक्स हो। रात में सोने से पहले उसे हल्का-फुल्का खाना और नहला दें, ताकि नींद अच्छी आए।

ग्रोथ और एक्टिविटी: इस उम्र में बेबी पलटने, बैठने और रेंगने की कोशिश करने लगता है। ऐसे में उसे सुरक्षित जगह पर खेलने दें। खिलौने ऐसे दें जो नरम और कलरफुल हों, ताकि बेबी एक्सप्लोर कर सके और मोटर स्किल्स डेवलप हों।

डॉक्टर से नियमित चेकअप: 6 महीने की उम्र में कई टीके भी लगते हैं। इसलिए समय पर वैक्सीन जरूर दिलाएं और बेबी की हेल्थ चेकअप करवाते रहें। अगर कोई एलर्जी या हेल्थ प्रॉब्लम लगे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

पैरेंट्स का प्यार और अटेंशन: इस उम्र में बेबी सबसे ज्यादा अपने माता-पिता के टच और प्यार को समझता है। उसके साथ खेलें, बातें करें और ज्यादा समय बिताएं। इससे उसका इमोशनल डेवलपमेंट भी मजबूत होता है।

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