मैरिड लाइफ में अगर नहीं चाहते हैं कोई चिक-चिक, तो रखें इन बातों का ध्यान

मैरिड लाइफ में अगर नहीं चाहते हैं कोई चिक-चिक, तो रखें इन बातों का ध्यान
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दांपत्य जीवन में प्यार की डोर कभी कमजोर न हो, रिश्ते में हमेशा मधुरता बनी रहे, ऐसी चाहत हर दंपति की होती है। इस चाहत को पूरा करना नामुमकिन नहीं है।

दांपत्य जीवन में प्यार की डोर कभी कमजोर न हो, रिश्ते में हमेशा मधुरता बनी रहे, ऐसी चाहत हर दंपति की होती है। इस चाहत को पूरा करना नामुमकिन नहीं है। इसके लिए कुछ जरूरी बातों को अमल में लाना होगा।

ृइस बारे में संबंध विशेषज्ञ और लेखिका फॉन वीवर ने 110 देशों में रहने वाले 10 हजार खुशहाल विवाहित जोड़ों का साक्षात्कार लिया। इन्हीं साक्षात्कारों पर आधारित उनकी किताब ‘हैप्पी वाइव्स क्लब’ में लेखिका ने जो निष्कर्ष निकाले हैं, वे हर मैरीड कपल के लिए मददगार साबित हो सकते हैं।

लेखिका ने इस बात पर जोर दिया है कि पति-पत्नी के रिश्ते को सफल और मजबूत बनाने में सिर्फ प्यार और एक-दूसरे को समझना ही पहली प्रॉयोरिटी नहीं है। कुछ और भी जरूरी बातें होती हैं, जो रिश्ते को खुशहाल बनाती हैं। इन्हें जानकर और अमल में लाकर सुखी दांपत्य जीवन जिया जा सकता है।

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छोटी खुशियां को महत्व

वैवाहिक जीवन में प्यार बनाए रखने के लिए पति-पत्नी दोनों को छोटी-छोटी बातों में खुशियां तलाशनी चाहिए। ऐसा करने से उनकी लव लाइफ स्ट्रॉन्ग होती है। इसके लिए पति-पत्नी अपनी व्यस्त दिनचर्या के बावजूद साथ मिलकर चाय पिएं, नाश्ता करें। जब भी समय मिले, दोनों साथ घूमने जाएं, फिल्म देखें। इससे पति-पत्नी के संबंध में मधुरता आती है। जिंदगी से जुड़ी यही छोटी-छोटी खुशियां रिश्ते को जीवंत बनाती हैं। इन्हीं खुशियों की वजह से दोनों के बीच रोमांस भी बना रहता है।

स्पेस जरूरी है

आमतौर पर माना जाता है कि पति और पत्नी का पूरा समय एक दूजे के लिए होता है। जबकि दूसरे रिश्तों की तरह इस रिश्ते में भी दोनों को पर्सनल स्पेस की जरूरत होती है। पति-पत्नी, दोनों को यह समझना होगा कि एक-दूसरे के साथ ज्यादा नजदीकी भी रिश्ते के लिए सही नहीं है। दोनों को अपनी पर्सनल लाइफ को भी इंपॉर्टेंस देनी चाहिए। ऐसा करने पर दोनों को अलग-अलग अनुभव होंगे, जिन्हें बाद में अपने पार्टनर से साझा किया जा सकता है। इस तरह एक-दूसरे से बातचीत करने के तमाम विषय भी मिल जाएंगे। इसी तरह अगर पति-पत्नी की अलग-अलग हॉबीज हैं, तो उन्हें भी समय देना चाहिए। इसमें आपका पार्टनर भी पूरा इंट्रेस्ट ले, ऐसी अपेक्षा से बचना चाहिए।

मतभेद को तूल न दें

पति-पत्नी के बीच मतभेद होना स्वाभाविक है। लेकिन छोटे-छोटे मुद्दों पर आपसी मतभेद को ज्यादा तूल न दें। इससे दोनों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है, जो वैवाहिक रिश्ते को कमजोर बनाती है। पति-पत्नी को यह समझना चाहिए कि मतभेद होने की स्थिति में एक-दूसरे के साथ कैसा व्यवहार करना है? और आपसी मतभेद या बहस की स्थिति से कैसे निपटना है? कोशिश करें कि जिस भी मुद्दे पर मतभेद है, उसका साझा निष्कर्ष निकालें। इसके बावजूद अगर मतभेद कभी ज्यादा बढ़ जाए, तो अतीत में बिताए यादगार लम्हों को याद करें। इससे दोनों फिर से एक दूसरे के करीब आ जाएंगे।

सामंजस्य बनाएं

वैवाहिक जीवन का मतलब है कि जीवनसाथी के साथ पूरी जिंदगी गुजारना। इस दौरान उतार-चढ़ाव आना स्वाभाविक है। लेकिन पति-पत्नी को चाहिए कि वे एक-दूसरे के साथ सामंजस्य स्थापित करें। एक-दूसरे की कमी को स्वीकार कर उसमें बदलाव का प्रयास करें। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अपने पार्टनर को पूरी तरह बदलने का प्रयास करने लगें।

रखें ख्याल

  • एक-दूसरे की बातें सुनें। बात सुने बिना कोई पूर्वानुमान न लगाएं।
  • विरोध करना हो, तो संयत भाषा में करें।
  • एक-दूसरे के सपनों का सम्मान करें। साझे सपनों को साथ मिलकर पूरा करने के लिए प्रयास करें।
  • एक-दूसरे के निर्णय का सम्मान करें।

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