अकबर-बीरबल के मजेदार किस्से: बेवकूफी भरा सवाल और चूना-मक्खन वाला किस्सा

Akbar Birbal Stories: अकबर और बीरबल की कहानियां आज भी उतनी ही प्रासंगिक और मनोरंजक हैं जितनी उस दौर में थीं। उनकी नोकझोंक, चतुराई और व्यंग्य से भरे किस्से बच्चों से लेकर बड़ों तक को लुभाते हैं। आज हम अकबर के चुटीले सवाल और बीरबल के सटीक जवाब की सीरीज। इसके तहत आज पेश हैं दो रोचक किस्से- पहला, जिसमें अकबर ने पूछा 'बेवकूफी भरा सवाल' और दूसरा, जिसमें बीरबल ने चूना खाने की अनोखी तरकीब सुझाई।
बेवकूफी भरा सवाल
एक बार अकबर ने बीरबल से प्रश्न किया कि "बीरबल, सूरज पूर्व से निकलकर पश्चिम में क्यों डूब जाता है?"
बीरबल ने झुंझलाकर कहा - "हुजूर यह सवाल आप किसी भी बेवकूफ से पूछकर उत्तर पा सकते हैं।"
इस दौरान अकबर ने बीरबल के मजे लेते हुए कहा- "बीरबल, तभी तो मैं तुमसे पूछ रहा हूं।"
एक पाव चूना, तीन पाव मक्खन
एक बार की बात है, महल की दीवार का चूना उखड़कर गिर जाने और उसकी सफाई न हो पाने की लापरवाही देख, अकबर ने देख-रेख करने वाले नौकर को सजा देने का प्लान बनाया। नौकर को बुलाया गया और डपटकर कहा कि बाजार से एक सेर चूना लेकर आओ-उसे तुम्हें खिलाऊंगा, तब जाकर तुम्हें भविष्य में सफाई का सही ख्याल रहेगा।
बेचारा नौकर भागा हुआ बाजार गया। इत्तेफाक से रास्ते में बीरबल मिल गए। उसने उन्हें अपनी विपदा सुनायी।
बीरबल बोले- "चिंता मत करो, तुम्हें कुछ न होगा-ऐसा करो, एक पाव चूना और तीन पाव मक्खन खरीदकर ले जाओ। चूना गीला ले जाना और चूने के नीचे मक्खन रखना। बादशाह अकबर चूना खाने को कहें तो साथ रखे मक्खन के तीन भाग के साथ खाना-न मुंह कटेगा न ही आंते।"
चुनांचे, नौकर ने ऐसा ही किया। अकबर ने जब उसे चूना खाने की आज्ञा दी तो नौकर आज्ञाकारिता के साथ चूना खाने लगा। बादशाह की आंखें विस्मय से फैलती गयीं। उन्होंने सोचा कहीं मर गया तो बड़ा पाप लगेगा। आधा चूना खिलाकर शेष आधा फेंक देने का कहा। तभी बीरबल ने मुस्कुराते हुए वहां प्रवेश किया। उनकी मुस्कुराहट से ही बादशाह अकबर समझ गए कि कुछ न कुछ घपला है। पूछने पर जब बीरबल ने चूने के साथ मक्खन वाली तरकीब बताई तो अकबर भी हंसने लगे।
