Mathura Places: दिसंबर में मथुरा विजिट का प्लान है? यहां की 6 जगहें ज़रूर देखें, कभी नहीं भूलेंगे ट्रिप!

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मथुरा में घूमने वाली लोकप्रिय जगहें।
Mathura Places: मथुरा एक धार्मिक नगरी है जो श्रद्धालुओं की आस्था के केंद्र में है। आप यहां विजिट करें तो 6 जगहें जरूर देखें।

Mathura Popular Places: दिसंबर की ठंड में जब छुट्टियों का मौसम शुरू होता है, तो घूमने-फिरने की प्लानिंग भी तेज हो जाती है। ऐसे में अगर आप किसी ऐसी जगह जाना चाहते हैं, जहां आध्यात्मिक शांति, खूबसूरती और घूमने के लिए ढेरों स्पॉट मिलें तो मथुरा एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है। भगवान कृष्ण की जन्मभूमि मानी जाने वाली यह नगरी दिसंबर में बेहद सुहावनी हो जाती है और यहां की गलियों, घाटों और मंदिरों की खूबसूरती मन मोह लेती है।

मथुरा की खासियत यह है कि यहां हर कदम पर इतिहास बसता है और हर मंदिर का अपना अलग ही आकर्षण है। परिवार, बच्चे या दोस्त सभी के साथ यह ट्रिप यादगार बन जाती है।

मथुरा में देखने के लोकप्रिय स्थल

श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर

मथुरा की यात्रा की शुरुआत इसी स्थान से मानी जाती है। यह वही जगह है जहां भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। मंदिर परिसर विशाल और भव्य है, और दिसंबर के समय यहां की सजावट और भजन-संगीत का अनुभव अनोखा होता है।

द्वारकाधीश मंदिर

पुराने मथुरा में स्थित द्वारकाधीश मंदिर अपनी अनोखी वास्तुकला और काले संगमरमर की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। यहां की मंगला आरती और फूल बंगला सजावट दिसंबर की यात्रा को दिव्य बना देती है।

विश्राम घाट

यमुना नदी के किनारे बसे इस घाट का अपना धार्मिक महत्व है। यहां शाम की यमुना आरती में शामिल होना एक ऐसा अनुभव है जिसे आप कभी नहीं भूल पाएंगे। रंग-बिरंगी रोशनी और मंत्रोच्चार माहौल को और शांत बना देते हैं।

गोवर्धन पर्वत

मथुरा से थोड़ी दूरी पर स्थित गोवर्धन का परिक्रमा मार्ग दुनिया भर में प्रसिद्ध है। दिसंबर में ठंडे मौसम के कारण यहां की पैदल परिक्रमा बेहद आरामदायक और सुखद लगती है। रास्ते में पड़ने वाले कई मंदिर और कुंड भी देखने लायक हैं।

बरसाना - राधारानी मंदिर

राधारानी की जन्मभूमि बरसाना मथुरा के पास एक बेहद शांत और खूबसूरत स्थान है। पहाड़ी पर बने श्रीलाड़ली मंदिर तक चढ़ाई करना एक अलग ही आध्यात्मिक अनुभव है। यहां से आसपास का नज़ारा मन को शांति से भर देता है।

वृंदावन - बांके बिहारी मंदिर

हालांकि वृंदावन मथुरा से कुछ किलोमीटर दूर है, लेकिन यहां आए बिना यात्रा अधूरी मानी जाती है। बांके बिहारी मंदिर की झांकी, गलियों की रौनक और मंदिरों का वातावरण दिसंबर में और भी आकर्षक हो जाता है।

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