Parenting Tips: पहली बार स्कूल जा रहा है आपका बच्चा? 5 टिप्स की मदद से बनाएं कंफर्टेबल, हरदम खुश दिखेगा

Parenting Tips: हर माता-पिता के लिए वह पल बेहद खास होता है जब उनका बच्चा पहली बार स्कूल जाने वाला होता है। यह न केवल बच्चे के लिए एक नई शुरुआत होती है, बल्कि माता-पिता के लिए भी भावनात्मक क्षण होता है। लेकिन यह शुरुआत अगर सावधानी से की जाए तो बच्चे के लिए स्कूल का पहला अनुभव खुशनुमा और कंफर्टेबल हो सकता है। स्कूल की पहली यादें बच्चे के पूरे जीवन पर असर डालती हैं, इसलिए जरूरी है कि यह अनुभव सकारात्मक और सहज बनाया जाए।
अक्सर बच्चे स्कूल के पहले दिन घबराहट, डर या रोने की स्थिति में आ जाते हैं। यह उनके लिए एक नई और अजनबी दुनिया होती है, जहां वो पहली बार माता-पिता से अलग होते हैं। ऐसे में कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखकर हम उन्हें मानसिक रूप से तैयार कर सकते हैं और उनका आत्मविश्वास बढ़ा सकते हैं। आइए जानें वे बातें जो पहली बार स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए जरूरी हैं।
5 तरीकों से बच्चे को करें प्रिपेयर
मानसिक तैयारी करें
स्कूल शुरू होने से कुछ हफ्ते पहले ही बच्चे से धीरे-धीरे बात करके उसे स्कूल के बारे में सकारात्मक जानकारी दें। उसे बताएं कि वहां बहुत से दोस्त मिलेंगे, खेलने के लिए चीज़ें होंगी और टीचर बहुत प्यार से सिखाएंगे। इससे उसके मन में स्कूल को लेकर उत्साह बढ़ेगा और डर कम होगा।
रूटीन सेट करें
बच्चे को समय पर सोने और उठने की आदत स्कूल शुरू होने से पहले ही डालें। सुबह जल्दी उठकर तैयार होने और नाश्ता करने का अभ्यास कराएं ताकि स्कूल के दिन हड़बड़ी न हो। रूटीन सेट होने से बच्चा ज्यादा सहज महसूस करता है।
कम्फर्टेबल कपड़े और बैग दें
स्कूल के पहले दिन बच्चे को ऐसे कपड़े पहनाएं जो आरामदायक हों। साथ ही उसका स्कूल बैग हल्का रखें और उसमें केवल ज़रूरी सामान ही रखें। नए जूते या बहुत भारी बैग से बच्चा असहज महसूस कर सकता है।
टीचर से बात कराएं
पहले दिन स्कूल जाते समय यदि संभव हो तो बच्चे की मुलाकात उसकी क्लास टीचर से करवाएं। एक परिचित चेहरा देखने से बच्चा ज्यादा सुरक्षित महसूस करेगा। टीचर को बच्चे की आदतों या ज़रूरतों के बारे में बताना भी मददगार हो सकता है।
विदाई को छोटा और पॉजिटिव रखें
बच्चे को स्कूल छोड़ते समय ज्यादा भावुक न हों। मुस्कुराकर और आत्मविश्वास के साथ उसे विदा करें और कहें कि आप जल्दी लेने आएंगे। आपकी सकारात्मकता से बच्चा खुद को सुरक्षित और आश्वस्त महसूस करेगा।